16 दिसंबर, 2016, बैरकपुर
भाकृअनुप – केन्द्रीय पटसन एवं समवर्गीय रेशा अनुसंधान संस्थान (सीआरआईजेएएफ), बैरकपुर, पश्चिम बंगाल में उत्तरी 24 परगना में एक अतिरिक्त केवीके का उद्घाटन किया गया।
डॉ. पी.जी. कर्माकर, निदेशक, आईसीएआर-सीआरआईजे एएफ ने अपने उद्घाटन संबोधन में उच्च स्तर पर टिकाऊ कृषि आय पर आधारित लक्ष्य के साथ एकीकृत विविधीकृत पद्धति में प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण पर बल दिया।
श्री अरूण राय, अतिरिक्त निदेशक (कृषि), पश्चिम बंगाल ने किसानों की आय तथा आमदनी बढ़ाने के लिए केवीके का लाभ उठाने का आग्रह किया। उन्होंने इस कार्यक्रमों को सफल बनाने में केवीके की भूमिका की सराहना की।
651वें केवीके की स्थापना उत्तरी 24 परगना जिले के हिंगालगंज, संदेशखली, मिनाखान, हसनाबाद, बारासात, हारोआ, बैरकपुर तथा राजरहाट ब्लॉकों में कृषि सेवाएं देने के उद्देश्य से की गई है। उत्तरी 24 परगना में स्थापित जिले के इस दूसरे केवीके द्वारा परिनगरीय व ग्रामीण कृषि, बागवानी, मात्स्यिकी तथा पशुपालन के टिकाऊ मॉडल के माध्यम से किसान समुदाय की आय में बढ़ोतरी तथा दक्षता सुधार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जायेगी।
भाकृअनुप अनुसंधान संस्थानों के स्टॉफ एवं वैज्ञानिकों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
इस अवसर पर केवीके की रूपरेखा को भी जारी किया गया।
(स्रोतः केवीके, उत्तरी 24 परगना-2, नीलगंज, कोलकाता, पश्चिम बंगाल)
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