5 दिसंबर, 2016
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा 5 दिसंबर 2016 को पूरे देश में विश्व मृदा दिवस मनाया गया। 73 भाकृअनुप संस्थानों द्वारा स्थानीय सांसद, विधायक, स्थानीय अधिकारियों, किसानों, विद्यार्थियों तथा अधिकारियों के उपस्थिति में विश्व मृदा दिवस मनाया गया।
इस वर्ष विश्व मृदा दिवस (डब्लयूएसडी 2016) क्रमशः अंतरराष्ट्रीय मृदा दिवस 2015 तथा अंतरराष्ट्रीय दलहन वर्ष 2016 को ‘मृदा एवं दलहन, जीवन सहजीविता’ शीर्षक से जोड़ती है। इस शीर्षक के तहत विश्व मृदा दिवस (डब्ल्यूडी) 2016 द्वारा दलहन के विभिन्न लाभों को मृदा एवं दलहन के प्रतीकात्मक संबंधों को दर्शाया गया है जो मानव स्वास्थ्य और पोषण के साथ ही मृदा स्वास्थ्य और टिकाऊ कृषि के लिए भी बेहतर है।
भाकृनुप संस्थानों तथा केवीके द्वारा विश्व मृदा दिवस पर विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया तथा किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित किए गए।
भाकृअनुप – भारतीय मृदा विज्ञान संस्थान, भोपाल
इस समारोह के अवसर पर संस्थान तथा इसके केवीके के द्वारा ‘मृदा एवं दलहन, जीवन सहजीविता’ शीर्षक से कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
डॉ. राजेन्द्र प्रसाद मिश्रा, आईएएस एवं निदेशक, जल एवं भूमि प्रबंधन संस्थान (डब्ल्यूएएलएमआई), भोपाल ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में मृदा के महत्व पर बल दिया इसके साथ ही उन्होंने बच्चों में मृदा प्रबंधन के प्रति जागरूकता फैलाने पर जोर दिया।
डॉ. ए.के. तिवारी, निदेशक, दलहन विकास, डीएसी, मध्यप्रदेश ने मृदा की ऊर्वरकता बढ़ाने में दलहल के महत्व की चर्चा की।
डॉ. अशोक के. पात्र, निदेशक, भाकृअनुप – आईआईएसएस ने संस्थान की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी।
भाकृअनुप – भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, कानपुर
इस अवसर पर डॉ. डी.डी. तिवारी, प्रोफेसर, मृदा विज्ञान, सीएसएयू एंड टी कानपुर, उत्तर प्रदेश ने अपने संबोधन में फसल चक्रण की बात कही जिसमें दलहनी फसलें शामिल हो तथा सततता के आधार पर कृषि उपाय तथा दूसरे सामान्य व सूक्ष्म पोषक तत्वों का भी प्रयोग किय जाए।
डॉ. एस.एस. सिंह, निदेशक (कार्यवाहक), आईसीएआर- आईआईपीआर, कानपुर ने कहा कि एक लंबी अवधि के आधार पर फसल और मानव / पशु जीवन को बनाए रखने के लिए ब्लॉक के रूप में मिट्टी के महत्व पर बल दिया।
भाकृअनुप – भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, देहरादून
‘इस अवसर पर संस्थान द्वारा ‘मृदा बचाओ अभियान’ विषय पर शपथ कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें 12 किसानों, 50 कृषि विद्यार्थियों, 30 वैज्ञानिकों, 20 तकनीकी तथा 40 प्रशासकीय स्टॉफ (संस्थान) ने भाग लिया।
केवीके, री-भोई
इस अवसर पर संस्थान तथा केवीके व एनआरएम संभाग, उत्तर-पूर्वी पहाड़ी क्षेत्र के लिए भाकृअनुप अनुसंधान परिसर, उमियम द्वारा संयुक्त रूप से ‘विश्व मृदा दिवस व रबी किसान सम्मेलन’ का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमती रोना ख्यामदैत, सदस्य, जिला परिषद, नांगपोह, री-भोई ने अपने संबोधन में मृदा स्वास्थ्य को बढ़ाने तथा फसल उत्पादकता में वृद्धि के लिए किसानों से आग्रह किया कि वे अपशिष्ट पदर्थों का भी प्रयोग करें।
डॉ. एस.वी. नचान, निदेशक, भाकृअनुप, उमियम ने खाद्य सुरक्षा के लिए मृदा की उत्पादकता को बढ़ाना तथा मृदा स्वास्थ में संवर्धन हेतु स्थानीय संसाधनों के उचित प्रयोग पर बल दिया।
केवीके, कटक
इस अवसर पर संस्थान तथा केवीके द्वारा ‘रबी पूर्व मेला तथा विश्व मृदा दिवस जागरूकता’ कार्यक्रम का आयोजन ‘मृदा एवं दलहन, जीवन सहजीविता’ शीर्षक से भाकृअनुप – राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक में मनाया गया।
डॉ. देवराज, पांडा, पूर्व नदेशक, डब्ल्यएएलएमआई, कटक एवं प्रमुख मृदा वैज्ञानिक ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में मृदा स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के महत्व पर जोर दिया। इसके साथ ही उन्होंने 470 मृदा स्वास्थ्य कार्ड का भी वितरण किया।
डॉ. एच. पाठक, निदेशक, आईसीएआर- एनआरआरआई, कटक ने अपने संबोधन में उचित विधि से मिट्टी के नमूने लेने, मृदा की ऊर्वरकता को बढ़ाने के लिए रखरखाव तथा पोषक तत्वों की पुनःस्थापना और अधिकम उत्पादन प्राप्त करने से संबंधित चर्चा की।
केवीके, कोडरमा
इस अवसर पर केवीके द्वारा किसान गोष्ठी (रबी-पूर्व) का आयोजन किया गया।
डॉ. (श्रीमती) नीरा यादव, शिक्षा मंत्री, झारखंड इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थी तथा उन्होंने तकनीक बुलेटिन ‘मृदा परीक्षण का महत्व एवं तकनीक’ नामक प्रकाशन को जारी किया। इसके साथ ही उन्होंने 45 किसानों को मृदा स्वास्थ कार्ड वितरित किए।
इस अवसर पर आत्मा, बैंक ऑफ इंडिया, बीएआईएफ संस्थान, आदान विक्रेताओं, केवीके, कोडरमा तथा सीआरयूआरआरएस, हजारीबाग द्वारा संबंधित प्रौद्योगिकियों का प्रदर्शन किया गया।
भाकृअनुप – केन्द्रीय मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर
इस अवसर पर संस्थान द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें श्री मधुसूदन घोष, विधायक, पश्चिम बंगाल ने मुख्य अतिथि के तौर ग्रामीण लोगों के जीवन में मृदा संरक्षण तथा इसके महत्व के बारे में अपने अनुभवों को साझा किया।
डॉ. बी.के. दास, निदेशक, आईसीएआर- सीआईएफआरआई ने मृदा स्वास्थ्य की स्थिति के बारे में चर्चा की तथा मृदा की सततता के मुद्दे को उठाया।
भाकृअनुप – केन्द्रीय समुद्री मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थान, केवीके एर्नाकुमल
इस अवसर पर संस्थान द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसका उद्घाटन श्री के.जी. मैक्सी, विधायक, कोच्चि, केरल द्वारा किया गया। इसके साथ ही उन्होंने केवीके नई ड्रिप (टपक) सिंचाई किट को भी जारी किया।
श्रीमती हेमा प्रह्लादन, पार्षद, कोच्चि नगर निगम ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
इस अवसर पर गणमान्यों द्वारा जायफल किसानों के लिए महीनेवार अनुशंसाओं को दर्शाने वाले वार्षिक कैलेंडर भी जारी किया गया।
भाकृअनुप – केन्द्रीय शुष्कभूमि कृषि अनुसंधानव संस्थान
विश्व मृदा दिवस पर आयोजित कार्यक्रमों के संक्षिप्त विवरण जिन्हें 5 दिसंबर, 2016 को आयोजित किए गए
भाकृअनुप- क्रीडा, रंगारेड्डी जिला में आयोजित कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. के. साम्मी रेड्डी, प्रभारी निदेशक, क्रीडा, हैदराबाद थे। श्री के. ईन्ना रेड्डी, अध्यक्ष, सहकारिता सोसाइटी, रंगा रेड्डी जिला, मंडल एमएमपी, सरपंच, मरियायापुरम, साबादमंडल, रंगा रेड्डी जिला, कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि थे।
इस अवसर पर गणमान्यों द्वारा किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड का वितरण किया गया।
(स्रोतः संबंधित संस्थान)
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