9 मई, 2019, बेंगलुरु
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु ने आज जोन-XI, बेंगलुरू और जोन-VIII, पुणे के 'किसान-प्रथम कार्यक्रम की समीक्षा-सह-कार्य योजना कार्यशाला' का आयोजन किया।
डॉ. एम. जे. चंद्रे गौड़ा, निदेशक, अटारी, बेंगलुरु ने क्रॉस-लर्निंग और अनुभव-साझाकरण के संदर्भ में समीक्षा और कार्य योजना अभ्यास के महत्त्व पर जोर दिया। उन्होंने वर्षों की उपलब्धियों को देखते हुए प्रमुख प्रभाव बिंदुओं पर ज़ोर दिया। उन्होंने व्याख्या के आधार के रूप में हस्तक्षेप-विशिष्ट मानदंड को देखने पर जोर दिया।
डॉ. लाखन सिंह, निदेशक, अटारी, पुणे ने नियोजन के महत्त्व, एफएफपी गतिविधियों में शोधकर्ताओं की भागीदारी, साइट पर इनपुट प्रबंधन, संस्थान निर्माण, जमीनी हकीकत और समग्र दृष्टिकोण पर जोर दिया।
जोन-XI से 3 भाकृअनुप संस्थान – सीपीसीआरआई, कासरगोड; आईआईएचआर, बेंगलुरु और एनआईएएनपी, बेंगलुरु, और जोन-VIII से 3 राज्य कृषि विश्वविद्यालय – एमपीकेवी, राहुरी; एनएयू, नवसारी और जेएयू, जूनागढ़ ने वर्ष 2018-19 के लिए किसानों के प्रथम कार्यक्रम और वर्ष 2019-20 के लिए कार्य योजना की प्रगति प्रस्तुत की।
एफएफपी एमपीकेवी, राहुरी द्वारा लाए गए प्रकाशनों को इस अवसर पर जारी किया गया।
इस अवसर पर अटारी, बेंगलुरु और कृषि विज्ञान केंद्र, बेंगलुरु ग्रामीण के वैज्ञानिक उपस्थित थे।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, बेंगलुरु)
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