केवीके की 26वीं क्षेत्रीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

केवीके की 26वीं क्षेत्रीय कार्यशाला का हुआ आयोजन

28 जुलाई, 2019, जबलपुर

26th Zonal Workshop of KVK organized

कृषि विज्ञान केंद्रों की 26वीं क्षेत्रीय कार्यशाला के दौरान आज भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जबलपुर ने ‘बुंदेलखंड विकास रणनीति के लिए नीति समर्थन’ पर एक विशेष सत्र का आयोजन किया।

श्री वी. डी. शर्मा, संसद सदस्य, खजुराहो ने बतौर मुख्य अतिथि बुंदेलखंड से पलायन के मुद्दे पर प्रकाश डाला। उन्होंने एसएचजी और एफपीओ द्वारा मूल्य-संवर्धन और प्रसंस्करण प्रबंधन के आधार पर सूक्ष्म उद्योगों की स्थापना के लिए भी अपना मत रखा।

श्री आर. के. पटेल, संसद सदस्य, बांदा ने क्षेत्र में भूमि, जल, पशु और जंगलों के बीच तालमेल पर आधारित किसानों की आजीविका के बारे में विस्तृत चर्चा करते हुए मानवीय हस्तक्षेप से उत्पन्न असंतुलन के कारण पर्यावरण को होने वाले नुकसान पर भी प्रकाश डाला।

श्रीमती अर्चना चिटनीस, पूर्व मंत्री, महिला और बाल विकास, मध्य प्रदेश सरकार ने सामुदायिक भागीदारी से जल संरक्षण के लिए केंद्रित प्रयास करने पर जोर दिया।

डॉ. बृज गोपाल, अध्यक्ष, भारतीय पारिस्थितिकी संस्थान, जयपुर ने बुंदेलखंड क्षेत्र में कृषि के लिए जल केंद्रित दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने चंदेल युग के तालाबों का कायाकल्प करने और बुंदेलखंड क्षेत्र में भूजल पुनर्भरण के लिए जलग्रहण बसिन क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

डॉ. ए. के. सिंह, उप महानिदेशक, भाकृअनुप, नई दिल्ली; डॉ. पी. के. बिसेन, कुलपति, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्व विद्यालय, जबलपुर; डॉ. एस. के. राव, कुलपति, राजमाता विजयराजे सिंधिया कृषि विश्व विद्यालय, मध्य प्रदेश; डॉ. डी. के. मारोठिया, सदस्य, राज्य योजना आयोग, छत्तीसगढ़ और श्री अभय महाजन, आयोजन सचिव, दीनदयाल शोध संस्थान, चित्रकूट भी इस अवसर पर उपस्थित थे।

डॉ. अनुपम मिश्रा, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, जबलपुर ने कार्यशाला की पृष्ठभूमि से अवगत कराया।

बुंदेलखंड क्षेत्र में जल केंद्रित दृष्टिकोण, कृषि-वानिकी आधारित फसल प्रणाली को बढ़ावा देने, कम पानी की आवश्यकता वाली फसलों पर ध्यान केंद्रित करने और मामूली बाजरा के समावेश आदि के साथ कृषि को विकसित करने पर विभिन्न विचार-विमर्श कार्यशाला के दौरान हुए।

भाकृअनुप, टीएफआरआई, जबलपुर और राज्य कृषि विश्वविद्यालय के अधिकारियों, गैर सरकारी संगठन और प्रगतिशील किसानों के प्रतिनिधियों सहित कुल 65 प्रतिभागियों ने कार्यशाला में भाग लिया।

(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जबलपुर)

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