22 अगस्त, 2019, पुणे
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे ने भाकृअनुप-प्याज एवं लहसुन अनुसंधान निदेशालय, पुणे के साथ मिलकर भाकृअनुप-डीओजीआर परिसर, पुणे में आज 'जल शक्ति अभियान' पर एक समन्वय बैठक का आयोजन किया।
डॉ. मेजर सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-डीओजीआर, पुणे ने विभिन्न संगठनों के प्रतिभागियों से हाथ मिलाकर जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन पर संयुक्त कार्य योजना विकसित करने का आग्रह किया।
डॉ. लाखन सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे ने कहा कि महाराष्ट्र में 8 सूखा प्रभावित जिलों के 20 ब्लॉकों को ‘जल शक्ति अभियान’ के कार्यान्वयन के लिए पहचाना जाता है। डॉ. सिंह ने कहा कि 11 कृषि विज्ञान केंद्रों को जल संरक्षण गतिविधियों पर व्यापक जागरूकता पैदा करने की जिम्मेदारी दी गई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि परियोजना को भाकृअनुप संस्थानों, केवीके, लाइन विभागों और एनजीओ – पानी फाउंडेशन, नाम फाउंडेशन आदि की सक्रिय भागीदारी के साथ मिशन मोड में लागू करने की आवश्यकता है।
डॉ. इंदु सावंत, निदेशक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केंद्र, पुणे ने भूजल स्तर में कमी के लिए अपनी चिंताओं को उठाया। उन्होंने जल संरक्षण और वर्षा जल संचयन पर प्रौद्योगिकियों को संकलित करने का आग्रह किया।
डॉ. जगदीश राणे, निदेशक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय अजैविक स्ट्रैस प्रबंधन संस्थान, बारामती ने जल संरक्षण पर राजदूतों की पहचान के लिए आग्रह किया। उन्होंने लोगों को पानी बचाने और प्रोत्साहित करने के लिए जल बचत अपील के साथ सोशल मीडिया और मोबाइल फोन के रिंगटोन की भूमिका पर जोर दिया।
डॉ. के. वी. प्रसाद, निदेशक, भाकृअनुप-पुष्पविज्ञान अनुसंधान निदेशालय, पुणे ने प्राकृतिक जल संसाधन प्रबंधन, पानी के पुनर्चक्रण, संरक्षित खेती और समृद्ध जल तालिका जैसे विभिन्न उपयोगी उपायों को बढ़ावा देने का आग्रह किया।
बैठक में कुल 70 प्रतिभागियों ने अपनी भागीदारी दर्ज की।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे)
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