5 फरवरी, 2020, हिसार
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन-II, जोधपुर ने चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार में आज हरियाणा और दिल्ली राज्यों के कृषि विज्ञान केंद्रों के लिए “राज्य स्तरीय कार्य योजना - 2020 कार्यशाला” का आयोजन किया।
मुख्य अतिथि, के. पी. सिंह, कुलपति, सीसीएसएचएयू, हिसार ने कृषि पर लगभग 70% जनसंख्या की निर्भरता का उल्लेख किया। उन्होंने क्रियान्वयन के लिए रणनीतियाँ तैयार करने की योजना बनाने के महत्त्व पर जोर दिया। उन्होंने भारत में कृषि को सफल बताते हुए कहा कि अन्य क्षेत्रों की तुलना में जहाँ कृषि प्रौद्योगिकियों का आयात न्यूनतम है वहीं कृषि में अधिकांश प्रौद्योगिकियाँ स्वदेशी हैं। प्रो. सिंह ने सीमित संसाधनों के साथ इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए देश में विस्तार प्रणाली द्वारा निभाई गई महत्त्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रति व्यक्ति भूमि में 0.14 हेक्टेयर की कमी के साथ 35 वर्ष से कम आयु के युवाओं के बहुत छोटे हिस्से को कृषि का चुनाव करने में रुचि है क्योंकि यह पेशा अभी भी प्रतिष्ठित नहीं माना जाता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को सामूहिक दृष्टिकोण में छोटे और सीमांत किसानों के मुद्दों का समाधान करके हासिल किया जा सकता है।
डॉ. एस. के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, जोधपुर ने बदलते परिदृश्य और विभिन्न प्रकार की खेती की स्थितियों के साथ केवीके से किसानों की आवश्यकताओं को पूरा करने का आग्रह किया। केवीके के माध्यम से भारत सरकार की पहलों के बारे में प्रकाश डालते हुए उन्होंने केवीके से योजनाओं को प्रभावी तरीके से लागू करने का आग्रह किया।
डॉ. आर. एस. हुड्डा, निदेशक (विस्तार शिक्षा), सीसीएसएचएयू, हिसार ने केवीके से उचित तरीके से योजना बनाने और किसानों के लाभ के लिए बिना किसी अंतराल के योजनाओं को सख्ती से लागू करने का आग्रह किया।
इस अवसर पर केवीके की वर्ष - 2020 की कार्य योजना प्रस्तुत की गई और सुझाव दिए गए।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोन-II, जोधपुर)
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