07 सितंबर, 2020, जोधपुर
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोधपुर, राजस्थान और भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, नई दिल्ली ने संयुक्त रूप से आज "ग्रामीण कृषि मौसम सेवा की आभासी समीक्षा बैठक" का आयोजन किया।
डॉ. रणधीर सिंह, अतिरिक्त महानिदेशक, (कृषि विस्तार), भाकृअनुप ने अपने संबोधन में जलवायु परिवर्तन के दौर में कृषक समुदायों के लाभ के लिए जीकेएमएस के तहत होने वाली गतिविधियों के उचित और प्रभावी कार्यान्वयन पर जोर दिया। उन्होंने पहली और महत्त्वपूर्ण आवश्यकता के रूप में किसानों की समान प्रतिक्रिया और क्षमता विकास पर भी जोर दिया।
डॉ. के. के. सिंह, प्रमुख, आईएमडी, नई दिल्ली ने योजना के तहत फसलों, मिट्टी और मिट्टी की नमी के आँकड़ों के संग्रह पर जोर दिया।
उन्होंने फसल अनुकरण प्रतिरूपण, जलवायु परिवर्तन एवं कृषि, मौसम पूर्वानुमान, फसल संरक्षण में कृषि मौसम विज्ञान की भूमिका सहित कीट एवं रोग प्रतिरूपण, भौगोलिक सूचना प्रणाली और कृषि मौसम विज्ञान में रिमोट सेंसिंग (सुदूर संवेदन) आदि पर सभी विषय विशेषज्ञों को परिचित कराने पर भी जोर दिया।
डॉ. एस. के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, जोधपुर, राजस्थान ने राजस्थान और हरियाणा के राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, भाकृअनुप-अनुसंधान संस्थानों एवं राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के गैर सरकारी संगठनों के अधिकार क्षेत्र में आईएमडी के सहयोग से प्रथम और द्वितीय चरणों में कृषि विज्ञान केंद्रों की भागीदारी के बारे में जानकारी दी।
राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के कुल 16 विषय विशेषज्ञों (कृषि मौसम विज्ञान) ने कार्यक्रम की प्रगति प्रस्तुत की।
(भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोधपुर, राजस्थान)
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