20 अप्रैल, 2021, तापी
कृषि विज्ञान केंद्र, तापी, गुजरात ने रिलायंस फाउंडेशन के साथ मिलकर आज ‘भूमि सुपोषण एवं संरक्षण अभियान’ पर एक डायल-आउट सम्मेलन का आयोजन किया।
मुख्य अतिथि, डॉ. परेश व्यास, प्रांत ग्राम विकास प्रमुख, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, गुजरात ने जोर देकर कहा कि मृदा पोषण एवं संरक्षण अभियान का उद्देश्य भारत और विश्व के कल्याण की भावना है। उन्होंने जोर दिया कि यह प्रकृति और मिट्टी के साथ जनजातीय किसानों को भी जोड़ता है।

सम्मानित अतिथि, डॉ. सी. के. टिम्बडिया, विस्तार शिक्षा निदेशक, नवसारी कृषि विश्वविद्यालय, नवसारी, गुजरात ने जागरूकता कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य को रेखांकित किया। उन्होंने किसानों को मिट्टी में सूक्ष्म जीवों और केंचुओं की आबादी के महत्त्व से अवगत कराया। उन्होंने कृषि-रसायनों के उपयोग को कम करके प्रकृति को बचाने का भी आग्रह किया।
डॉ. वल्लभभाई कथीरिया, पूर्व अध्यक्ष, राष्ट्रीय गौ सेवा ने मिट्टी की उत्पादकता को कम करने और रासायनिक उर्वरकों एवं कीटनाशकों के अधिक उपयोग से इसे जहरीला बनाने पर अपनी चिंता व्यक्त की। इस तरह भोजन में विषाक्त तत्त्व मानव स्वास्थ्य के लिए एक बड़ा खतरा बन जाते हैं। उन्होंने गाय आधारित खेती को वर्तमान समस्या का एकमात्र समाधान माना।
सम्मेलन में तापी जिले, गुजरात के 15 गाँवों के 150 महिला एवं पुरुष किसानों की कुल भागीदारी दर्ज की गई।
(स्रोत: कृषि विज्ञान केंद्र, तापी, गुजरात)
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