19 - 23 मई, 2021, धुले
कृषि विज्ञान केंद्र, धुले, महाराष्ट्र ने 19 से 23 मई, 2021 तक ग्रामीण युवाओं, कृषि महिलाओं और एफपीओ सदस्यों के लिए 'दूध, फलों और सब्जियों के मूल्यवर्धन प्रक्रिया' पर 5 दिवसीय वर्चुअल प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।
डॉ. पी.जी. पाटिल, कुलपति, महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ, राहुरी, महाराष्ट्र ने अपने उद्घाटन संबोधन में प्रशिक्षुओं से किसानों के उत्थान के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में मूल्यवर्धन पर ध्यान केंद्रित करने सहित फसल पालन और संबद्ध क्षेत्रों में ग्रामीण युवाओं को आकर्षित करने का आग्रह किया। उन्होंने विविध उद्यमों को उचित योजना के साथ अपनाने और उच्च आय प्राप्त करने के लिए बाजार नेटवर्क के साथ जोड़ने पर जोर दिया।

डॉ. लाखन सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे, महाराष्ट्र ने प्रतिभागियों को अच्छी तरह से परीक्षण किए गए एकीकृत कृषि प्रणाली मॉडल, आय पैदा करने वाले उद्यमों को अपनाने, खुद को संगठित करने और उच्च लाभ अर्जित करने के लिए बाजारों से जुड़ने को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्रों से प्रौद्योगिकी अंतराल को कम करने के लिए भाकृअनुप-संस्थानों और कृषि विश्वविद्यालयों से नवीनतम तकनीकों को लाने का भी आग्रह किया।
डॉ. दिनेश नंद्रे, प्रमुख, केवीके, धुले, महाराष्ट्र ने बागवानी और डेयरी क्षेत्र में प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन के दायरे और अवसरों को रेखांकित किया।
डॉ. शरद गदाख, निदेशक, विस्तार शिक्षा, महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ, राहुरी, महाराष्ट्र ने कृषि विज्ञान केंद्र, धुले की गतिविधियों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में लगभग 215 से अधिक ग्रामीण युवाओं, किसानों और महिलाओं ने आभासी तौर पर भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे, महाराष्ट्र)
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