6-8 जुलाई, 2021, हैदराबाद
डॉ. त्रिलोचन महापात्र, सचिव (कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग) एवं महानिदेशक (भा.कृ.अनु.प.) ने कहा कि, ‘केवीके को अपनी गतिविधियों के कार्यान्वयन के दौरान कोविड-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिए मानक परिचालन प्रक्रियाओं (एसओपी) का पालन करना चाहिए।’ भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद द्वारा 6 से 8 जुलाई, 2021 तक आयोजित किए जा रहे 'आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु और पुडुचेरी को मिलाकर जोन-एक्स, हैदराबाद के केवीके की वार्षिक क्षेत्रीय कार्यशाला' को डॉ. महापात्र संबोधित कर रहे थे।
महानिदेशक ने केवीके और भाकृअनुप-अटारी को ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत नियोजित सभी गतिविधियों में भाग लेने व हितधारकों की भागीदारी को बड़े पैमाने पर सुगम बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने देश में बड़े पैमाने पर कुपोषण की व्यापकता को देखते हुए लिंग और पोषण से संबंधित हस्तक्षेपों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
डॉ. अशोक कुमार सिंह, उप महानिदेशक (कृषि विस्तार), भाकृअनुप ने केवीके को दिसंबर - 2021 तक किसानों की आय दोगुनी करने संबंधी प्रति केवीके 110 सफलता की कहानियाँ एकत्र करने की राय दी। डीडीजी ने केवीके अनुदेशात्मक कृषि-भूमि में आईटीके (स्वदेशी तकनीकी ज्ञान), आईएफएस (एकीकृत कृषि प्रणाली), मिट्टी और जल संरक्षण प्रौद्योगिकियों पर प्रदर्शन इकाइयों की आवश्यकता पर जोर दिया।
इससे पहले, अपने स्वागत संबोधन में डॉ. जे. वी. प्रसाद, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, हैदराबाद ने प्रतिभागियों को क्षेत्र के केवीके की उपलब्धियों से अवगत कराया।
कार्यशाला का उद्देश्य वर्ष 2020-21 के लिए जोन के 71 कार्यरत केवीके की उपलब्धियों की समीक्षा करना है।
अतिरिक्त महानिदेशक, (कृषि विस्तार), भाकृअनुप; क्षेत्र में राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति एवं कुलसचिव; भाकृअनुप-अटारी के निदेशकों और केवीके के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)
Like on Facebook
Subscribe on Youtube
Follow on X X
Like on instagram