23 अक्टूबर, 2016, शोलापुर
डॉ. त्रिलोचन महापात्र, सचिव (डेयर) और महानिदेशक (भाकृअनुप) द्वारा 23 अक्टूबर, 2016 को पकानी केटी वियर से 9.9 किमी भूमिगत पाइप लाइन द्वारा सिंचाई के लिए पानी लाने के लिए आईसीएआर-एनआरसीपी के हिराज अनुसंधान फार्म में लिफ्ट सिंचाई प्रणाली का उद्घाटन किया गया। यह परियोजना महाराष्ट्र जीवन प्रधिकरण द्वारा पूरा किया गया। उन्होंने अनार के विभिन्न उच्च मूल्यों वाले औद्योगिक उत्पादों जैसे, जूस, आरटीएस – पेय, वाइन, वर्जिन अनार बीज तेल और अनार छिलका पाउडर में पूरे फल के उपयोग के लिए अनार प्रसंस्करण इकाई की स्थापना की।
वैज्ञानिकों के साथ बातचीत करते हुए डॉ महापात्र ने बायो-हार्डेनिंग के साथ उत्तक संवर्धन के माध्यम से रोग मुक्त स्वस्थ रोपण सामग्री उत्पादन और किसानों के लाभ और अनार के प्रसंस्करण तथा मूल्य संवर्धन पर अनुसंधान के लिए संपूर्ण मोबाइल एप जैसी उपलब्धियों की सराहना की।
महानिदेशक महोदय ने मोबाइल एप को हिन्दी, मराठी और अंग्रेजी के अलावा विभिन्न भाषाओं में अनुवाद की आवश्यकता पर बल दिया। इसके साथ ही उन्होंने इस एप की प्रभावकारी डाउनलोड संख्या पर सफलता गाथा प्रकाशित करने की बात कही। उन्होंने बैक्टीरियल ब्लाइट बीमारी पर केंद्रित अनार के बड़े क्षेत्रफल में खेती की स्क्रीनिंग और मूल्यांकन की आवश्यकता पर बल दिया।
उन्होंने प्रसंस्करण गतिविधियों के एकीकरण के लिए मॉडल वेल्यू चेन बनाने का सुझाव दिया जो किसानों की आमदनी के साथ जुड़ी हो तथा भारत में भविष्य में अनार के उत्पादन और क्षेत्र में आई तेज वृद्धि के कारण बाजार की ताकत संबंधित रणनीति तैयारी में सहयोगी सके।
निदेशक महोदय ने संस्थान के “स्वच्छता अभियान” कार्यक्रम में भी भाग लिया।
(स्रोतः भाकृअनुप – राष्ट्रीय अनार अनुसंधान केन्द्र, शोलापुर)
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