वैज्ञानिक बकरी प्रबंधन द्वारा उद्यमिता को बढ़ावा

वैज्ञानिक बकरी प्रबंधन द्वारा उद्यमिता को बढ़ावा

25 अगस्त, 2025, गोवा

भाकृअनुप-कृषि विज्ञान केन्द्र, उत्तरी गोवा तथा भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा ने संयुक्त रूप से 21 से 25 अगस्त, 2025 तक गोवा के ग्रामीण युवाओं के लिए बकरियों के वैज्ञानिक प्रबंधन पर पाँच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया।

डॉ. परवीन कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-सीसीएआरआई, गोवा ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में, उन्होंने गोवा की कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने तथा किसानों की आजीविका में सुधार लाने में बकरी पालन के महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. कुमार ने राज्य की कृषि प्रणालियों में कोंकण कन्याल, ब्लैक बंगाल और मालाबारी जैसी जलवायु-प्रतिरोधी बकरी नस्लों को शामिल करने की आवश्यकता पर भी चर्चा की। उन्होंने इन नस्लों की अनुकूलनशीलता, स्थानीय रोगों के प्रति प्रतिरोधक क्षमता तथा कुशल आहार उपयोग पर ज़ोर दिया, जिससे ये नस्लें विविध स्थानीय परिस्थितियों के लिए उपयुक्त बन जाती है।

Scientific Goat Management Fosters Entrepreneurship

पशुपालन एवं पशु चिकित्सा सेवा विभाग, गोवा सरकार के विस्तार अधिकारियों ने किसानों के लिए उपलब्ध विभिन्न पशुधन विकास योजनाओं की जानकारी साझा की।

क्षेत्र-विशिष्ट बकरी नस्लों, नियमित प्रबंधन पद्धतियों, चारा एकीकरण और बारहमासी चारा वृक्षों की खेती पर तकनीकी सत्र आयोजित किया गया। व्यावहारिक प्रदर्शनों में बधियाकरण, टैगिंग, माइक्रोचिप अनुप्रयोग, प्राथमिक पशु चिकित्सा सहायता और वजन तौलने जैसी तकनीक शामिल थी।

विशेषज्ञों ने बकरी आवास डिज़ाइन और प्रबंधन, बकरी के प्रमुख रोगों, टीकाकरण कार्यक्रम तथा कृमिनाशक विधियों के साथ-साथ स्वास्थ्य प्रबंधन में व्यावहारिक प्रशिक्षण पर भी बात की। अतिरिक्त व्याख्यानों में प्रजनन प्रबंधन, वैज्ञानिक आहार पद्धतियों और वृक्षारोपण के अंतर्गत चारा फसलों के एकीकरण पर चर्चा की गई। कार्यक्रम में बकरी खाद के पुनर्चक्रण और मूल्य संवर्धन पर भी चर्चा की गई, जिससे प्रतिभागियों को बकरी पालन पद्धतियों को बेहतर बनाने के लिए व्यापक ज्ञान प्राप्त हुआ।

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अपने अनुभवात्मक शिक्षण के एक भाग के रूप में, प्रतिभागियों ने गोवा वेल्हा, कुंडैम और फर्मागुडी स्थित कोंकण कन्याल बकरी फार्मों के साथ-साथ करमाली स्थित ब्लैक बंगाल बकरी फार्म का भी दौरा किया, जहाँ उन्हें वैज्ञानिक बकरी पालन तथा चारा उत्पादन तकनीकों का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हुआ।

प्रशिक्षण कार्यक्रम में ग्रामीण युवाओं एवं किसानों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिसमें पूरे गोवा से कुल 17 प्रतिभागी (15 पुरुष और 2 महिलाएं) शामिल हुए। प्रतिभागियों ने विशेषज्ञों द्वारा प्रदान किए गए वैज्ञानिक मार्गदर्शन, व्यावहारिक प्रदर्शन और भ्रमणों के माद्यम से प्राप्त अनुभव की सराहना की। किसान-वैज्ञानिक संवाद सत्र में, प्रतिभागियों ने समापन समारोह के दौरान अपनी प्रतिक्रियाएं साझा की।

डॉ. परवीन कुमार ने समापन सत्र की अध्यक्षता की और प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किया।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा)

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