15 अगस्त, 2022, हैदराबाद
भाकृअनुप-भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद विशेष रूप से बाजरा पर काम कर रहा है, और किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के माध्यम से बाजरा को बढ़ावा देने में मदद करता है साथ ही बाजरा के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष - 2023 को देखते हुए किसानों की आय को दोगुना करने की बात करता है। संस्थान, क्लस्टर आधारित व्यावसायिक संगठन (सीबीबीओ) के रूप में 33 बाजरा किसान उत्पादक संगठनों के प्रचार और संचालन के लिए अपने "बाजरा एफपीओ मॉडल" को लागू करने के लिए चार राज्यों, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना और मध्य प्रदेश में कार्य कर रहा है।

बाजरा किसानों और एफपीओ को प्रसंस्करण सुविधा प्रदान करने के लिए, भाकृअनुप-आईआईएमआर ने स्वतंत्रता दिवस एवं आजादी का अमृत महोत्सव की पूर्व संध्या पर बाजरा प्रसंस्करण इकाई की स्थापना की और भाकृअनुप-आईआईएमआर, हैदराबाद के परिसर में प्राथमिक प्रसंस्करण इकाई स्थापित करने के लिए नाभिता इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड और रोटरी क्लब, कृषि राजेंद्रनगर के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए।
यूनिट का उद्घाटन, डॉ. सी. वी. रत्नावती, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएमआर ने डॉ. विलास ए टोनपी, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएमआर एवं अध्यक्ष रोटरी क्लब कृषि राजेंद्र नगर; श्री रघु, महाप्रबंधक नभिथा इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड एवं रोटरी क्लब के अन्य सदस्य की उपस्थिति में किया गया।
भाकृअनुप-आईआईएमआर ने एफपीओ के शेयरधारकों की मदद के लिए बाजरा की प्राथमिक प्रसंस्करण इकाई स्थापित करके "आजादी का अमृत महोत्सव" मनाया।
एफपीओ यूनिट, भाकृअनुप-आईआईएमआर के डॉ. संगप्पा और डॉ. श्रीनिवास बाबू ने प्रसंस्करण के दौरान बाजरा किसानों के सामने आने वाली बाधाओं को दूर करने के लिए इस बाजरा इकाई को स्थापित करने को लेकर सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) की पहल की है।
यह इकाई, एफपीओ और किसानों को आईआईएमआर, हैदराबाद में मामूली लागत पर अपने बाजरा को संशोधित करने में मदद करेगी। यह साथी किसानों को बाजरा की खेती के लिए भी प्रोत्साहित करेगा जिससे बाजरा के तहत आने वाले क्षेत्र में वृद्धि होगी।
भाकृअनुप-आईआईएमआर प्राथमिक प्रसंस्करण इकाई बाजरा किसानों को उनके समृद्ध अनाज के माध्यम से बेहतर विपणन सम्बंध प्रदान करती है जिससे उन्हें उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त हो सके। यह एफपीओ और किसानों को बाजरा के मूल्यवर्धन पर व्यावहारिक प्रशिक्षण भी प्रदान करेगा।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)








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