27 अगस्त, 2022, नागपुर
केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री, श्री नितिन गडकरी आज यहां, मुख्य अतिथि के रूप में, भाकृअनुप-राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण और भूमि उपयोग योजना ब्यूरो, नागपुर के 46वें स्थापना दिवस समारोह का उद्घाटन किया। अपने संबोधन में उन्होंने भारतीय कृषि की बेहतरी के लिए विज्ञान को नई तकनीकों से जोड़ने पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि भाकृअनुप संस्थानों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों और राज्य विभागों के बीच संबंधों और सहयोग को बढ़ाने एवं नवीनतम तकनीकों के माध्यम से किसान समुदायों को मजबूती मिलेगी।

श्री गडकरी ने "सतत कृषि विकास के लिए विदर्भ क्षेत्रों के भूमि संसाधन सूची" शीर्षक से प्रकाशन भी जारी किया।
डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) इस आयोजन के अध्यक्ष थे। उन्होंने वैज्ञानिकों से नए शोध विचारों और प्रौद्योगिकियों को विकसित करने का आग्रह किया। डॉ. पाठक ने न केवल पौधों और जानवरों के लिए बल्कि मानव कल्याण के लिए भी कार्बन स्टॉक और मृदा स्वास्थ्य कार्ड के महत्व पर जोर दिया।
उप महानिदेशक (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन), डॉ. सुरेश कुमार चौधरी ने कहा कि ब्यूरो ने कृषक समुदाय के लाभ के लिए मृदा संसाधन मानचित्र विकसित किए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ब्यूरो ने मिट्टी और जलवायु मानकों के आधार पर अपने 60 उप-क्षेत्रों के साथ-साथ देश के 20 विशिष्ट कृषि-पारिस्थितिकी क्षेत्रों को परिभाषित किया है।
इससे पूर्व, डॉ. बी.एस. द्विवेदी, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएसएस एंड एलयूपी ने अपने स्वागत संबोधन में ब्यूरो की प्रमुख उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।
डॉ. सी.डी. माई, पूर्व अध्यक्ष, एएसआरबी ने मिट्टी का मानचित्र विकसित करने के लिए ब्यूरो की सराहना की। उन्होंने कहा कि योजनाकारों को फसल उत्पादन में सुधार के लिए भूमि संसाधन सूची और भूमि उपयोग योजना महत्वपूर्ण हैं।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण और भूमि उपयोग योजना ब्यूरो, नागपुर)








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