22 एवं 23, सितंबर 2022, पुत्तूर
भाकृअनुप-काजू अनुसंधान निदेशालय, पुत्तूर ने केन्द्रीय क्षेत्र योजना, कृषि और किसान कल्याण विभाग द्वारा वित्त पोषित योजना "ड्रोन प्रौद्योगिकी प्रदर्शन" के तहत कृषि रसायनों के छिड़काव के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी का आयोजन किया, जिसे अटारी (कृषि मशीनीकरण पर उप मिशन) के माध्यम से कार्यान्वित किया गया। इसका उद्देश्य किसानों, विस्तार कार्यकर्ताओं एवं अन्य हितधारकों के बीच कृषि में ड्रोन अनुप्रयोगों के बारे में जागरूकता पैदा करना था।


छिड़काव के लिए ड्रोन प्रौद्योगिकी प्रदर्शनों का आयोजन केममिन्जे फार्म तथा भाकृअनुप-डीसीआर, पुत्तूर के शांतिगोडु प्रायोगिक स्टेशन पर किया गया।
डॉ. टी.एन. रविप्रसाद, निदेशक (कार्यवाहक) ने भारतीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के महत्व और काजू जैसी बारहमासी वृक्ष फसलों के प्रबंधन के लिए ड्रोन की उपयोगिता पर प्रकाश डाला, जिसमें फसल प्रबंधन के पारंपरिक एवं यांत्रिक साधन काफी चुनौतीपूर्ण हैं। कृषि ड्रोन को अपनाने से फसल प्रबंधन दक्षता में वृद्धि और उत्पादन लागत को कम करके किसानों को लाभ के बारे में किसानों को अवगत कराया।
बाद में, परियोजना के वैज्ञानिक (एफएमपी) और पीआई, डॉ. मंजुनाथ के. ने कृषि ड्रोन से स्प्रे का सिद्धांत और कार्य तंत्र के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
कार्यक्रम में वैज्ञानिक, तकनीकी कर्मचारी, नर्सरी के पुरुष और भाकृअनुप-डीसीआर के कुशल सहायक कर्मचारी और सीपीसीआरआई, कासरगोड के वैज्ञानिक ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-काजू अनुसंधान निदेशालय, पुत्तूर)








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