15 अक्टूबर 2022, अग्रहरम पोट्टपल्ली गांव, तेलंगाना
भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी, हैदराबाद ने आज अग्रहरम पोट्टापल्ली गांव, महबूबनगर जिले, तेलंगाना में 'महिला किसान दिवस' का आयोजन किया।

डॉ. टी. सुप्रजा, प्रोफेसर (खाद्य और पोषण), पीजेटीएसएयू, हैदराबाद ने स्वस्थ रहने के लिए उचित पोषण के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि, ग्रामीण क्षेत्रों में कुपोषण एक गंभीर मुद्दा है और आहार की कमी के कारण ग्रामीण महिलाओं में एनीमिया लगातार बढ़ रहा है। डॉ. सुप्रजा ने इस बात पर जोर दिया कि किसान परिवार की खाद्य और पोषण सुरक्षा को बनाए रखने के लिए कृषि महिलाओं में भोजन और पोषण के बारे में जागरूकता पैदा करना बहुत आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि सब्जी और फलों पर आधारित पोषण उद्यान पोषण का सबसे समृद्ध स्रोत हैं और कुपोषण को खत्म करने में सक्रिय भूमिका निभा सकते हैं।
डॉ. भरत सोंतक्की, प्रधान वैज्ञानिक और प्रमुख, भाकृअनुप-नार्म ने ग्रामीण परिवारों और समुदायों को बनाए रखने, ग्रामीण आजीविका में सुधार और समग्र कल्याण में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि महिला किसान एवं महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में अपने महत्वपूर्ण योगदान के साथ कृषि विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। डॉ. सोंतक्की ने किसान महिलाओं से कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में उद्यमशीलता के अवसरों का लाभ उठाने का भी आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि ग्रामीण स्तर पर कृषि उपज के मूल्यवर्धन के प्रावधान से महिला किसानों को ग्रामीण आय बढ़ाने के लिए उत्साहजनक अवसर मिलते हैं।
डॉ. रमेश नाइक, वैज्ञानिक, भाकृअनुप-नार्म ने जोर देकर कहा कि महिला किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सभी ग्रामीण गांवों में महिला किसानों की प्रेरणादायक सफलता की कहानियों को दोहराया जाना चाहिए।
डॉ. पी. सुप्रिया, वैज्ञानिक, भाकृअनुप-नार्म ने महिला किसान दिवस की उत्पत्ति और महत्व के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम में महिला किसानों, महिला खेतिहर मजदूरों और अन्य ग्रामीण महिलाओं सहित लगभग 100 प्रतिभागियों ने शिरकत की।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय कृषि अनुसंधान प्रबंधन अकादमी, हैदराबाद)








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