भाकृअनुप-एनआईएएनपी ने एंटी-मेथनोजेनिक फीड सप्लीमेंट 'हरित धरा' के तीसरे चरण के व्यवसायीकरण पर किए हस्ताक्षर

भाकृअनुप-एनआईएएनपी ने एंटी-मेथनोजेनिक फीड सप्लीमेंट 'हरित धरा' के तीसरे चरण के व्यवसायीकरण पर किए हस्ताक्षर

29 सितम्बर, 2022, बेंगलुरु

भाकृअनुप-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल न्यूट्रिशन एंड फिजियोलॉजी (एनआईएएनपी), बेंगलुरु ने आज एग्री इनोवेट इंडिया के माध्यम से गैर-विशिष्ट आधार पर बीएआईएफ डेवलपमेंट रिसर्च फाउंडेशन, पुणे के साथ एंटी-मिथेनोजेनिक फीड सप्लीमेंट 'हरित धारा' का व्यवसायीकरण किया।

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डॉ. राघवेंद्र भट्ट, आविष्कारक तथा निदेशक, भाकृअनुप-एनआईएएनपी, बेंगलुरु और श्री भरत काकड़े, अध्यक्ष, बीएआईएफ डेवलपमेंट रिसर्च फाउंडेशन ने एंटी-मेथनोजेनिक फीड सप्लीमेंट के लाइसेंस और वाणिज्यिक निर्माण के लिए अपने संबंधित संगठनों की ओर से समझौता ज्ञापन (एमओए) पर हस्ताक्षर किए।

डॉ. भट्ट ने कहा कि उत्पाद को एक दशक से अधिक समय से व्यवस्थित और व्यापक शोध के माध्यम से विकसित किया गया है तथा पूरक डोज जुगाली करने वालों से दैनिक आंत्र मीथेन उत्सर्जन को लगभग 20% तक कम करने में बहुत प्रभावी है। डॉ. भट्टा ने कहा कि पूरक का पहले साई दीप एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, बेंगलुरु और कोर कार्बन एक्स सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, हैदराबाद के लिए व्यावसायीकरण किया गया था। और यह पूरक डोज का तीसरा व्यावसायीकरण है।

समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान एग्री इनोवेट इंडिया, नई दिल्ली के सीईओ, डॉ. प्रवीण मलिक भी मौजूद थे। इस अवसर पर डॉ. मलिक ने कहा कि आयुक्त, पशुपालन, भारत सरकार के पद पर रहते हुए, सभी राज्य पशुपालन विभाग को 'हरित धारा प्रौद्योगिकी' को अपनाने के लिए एक सलाह जारी की है।

श्री भारत काकड़े, अध्यक्ष बीएआईएफ डेवलपमेंट रिसर्च फाउंडेशन, पुणे ने बताया कि बीएआईएफ दैनिक एंटिक मीथेन उत्सर्जन के प्रभावी शमन के लिए भारत के 10 राज्यों में हरित धारा प्रौद्योगिकी को अपनाने की योजना बना रहा है जिससे पशुधन उत्पादकता में सुधार होगा। उन्होंने यह भी कहा कि बीएआईएफ (BAIF) जैसी तकनीक के माध्यम से प्राप्त कार्बन क्रेडिट का दावा करने के लिए एक प्रभावी योजना बनाएगा।

इस प्रौद्योगिकी के सह-आविष्कारक, डॉ. पी.के. मलिक और डॉ. ए.पी. कोल्टे, एनआईएएनपी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा डॉ. एम.जे. अवारे, वरिष्ठ पोषण विशेषज्ञ, बीएआईएफ भी भाकृअनुप-एनआईएएनपी से समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के दौरान उपस्थित थे।

'हरित धारा' एक पेटेंट-प्रेरित तकनीक है (नंबर 201941004992)।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय पशु पोषण तथा शरीर क्रिया विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु)

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