25 दिसम्बर, 2022, हिसार
क्लोनिंग के क्षेत्र में अपनी सफलता को जारी रखते हुए, भाकृअनुप-केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान (सीआईआरबी), हिसार के वैज्ञानिकों ने कुलीन मादा भैंस के ओवम पिक अप और इन-विट्रो भ्रूण उत्पादन (ओपीयू-आईवीईपी) के माध्यम से एक नर भैंस बछड़ा (वीर गौरव) का क्लोन सांढ़ (हिसार गौरव) के वीर्य से इस प्रौद्योगिकी द्वारा उत्पादन करके आज एक और उपलब्धि हासिल की है। इस तकनीक के प्रयोग से श्रेष्ठ नर और मादा पैदा की जा सकती है जो नस्ल की आनुवंशिक प्रगति में सुधार लाने में उपयोगी होगा।

डॉ. टी.के. दत्ता, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईआरबी ने कहा कि ओपीयू-आईवीईपी प्रौद्योगिकी नर और मादा जर्मप्लान के उत्पादन एवं प्रदर्शन के लिए एक नया आयाम तक पहुंचने का रास्ता साफ किया है।
डॉ. सज्जन सिंह, हेड, एनिमल फिजियोलॉजी एंड रिप्रोडक्शन डिवीजन, भाकृअनुप-सीआईआरबी ने कहा कि बेहतर मादा संतान पैदा करने के लिए सेक्सड सीमेन तकनीक को इस तकनीक से जोड़ा जा सकता है।
इस उपलब्धि से जुड़े टीम के सदस्य, डॉ. जेरोम, डॉ. आर.के. शर्मा, डॉ. पी.एस. यादव, डॉ. डी. कुमार, डॉ. मीती, डॉ. राजेश और डॉ. रूपाली की महत्वपूर्ण भूमिका रही। इस प्रयास में एनडीडीबी के विशेषज्ञ, डॉ. गोरानी और डॉ. लयेक की दक्षता प्रशंसनीय है।
इससे पहले, भाकृअनुप-सीआईआरबी ने संतति परीक्षित सांड (PT4354) का क्लोन (हिसार गौरव) तैयार किया था।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान, हिसार)








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