27 जनवरी, 2023, भुवनेश्वर
भाकृअनुप-केन्द्रीय मीठा जल मत्स्य पालन संस्थान (सीआईएफए), भुवनेश्वर द्वारा आयोजित मछली तथा शेलफिश की आनुवंशिक रूप से उन्नत किस्मों के प्रसार के लिए रोडमैप पर राष्ट्रीय परामर्शदात्री बैठक का आज यहां उद्घाटन किया गया।
बैठक का उद्देश्य चल रहे आनुवंशिक सुधार कार्यक्रमों की वर्तमान स्थिति पर विचार-विमर्श करना, अनुसंधान समूहों द्वारा अनुभवों को साझा करना और भारत के भीतर और बाहर बेहतर उपभेदों के प्रसार के लिए एक रोड मैप विकसित करना है।

डॉ. जे.के. जेना, उप महानिदेशक (मत्स्य विज्ञान) ने परामर्श का उद्घाटन किया। उन्होंने भाकृअनुप-सीफा, भुवनेश्वर द्वारा विकसित उन्नत रोहू (जयंती के रूप में ट्रेडमार्क), सीफा जीआई स्कैम्पी और जीआई कैटला के बारे में बात की, जिनके विशिष्ट उपज लाभ हैं। डॉ. जेना ने यह भी कहा कि सीआईएफए ने रोहू में एरोमोनास हाइड्रोफिला प्रतिरोध के लिए एएचआर-जयंती भी विकसित की है। डॉ. जेना ने सूचित किया कि सीआईएफई, मुंबई तथा सीबा, चेन्नई में क्रमशः मांगुर और झींगा के लिए आनुवंशिक सुधार कार्य चल रहा है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इन उन्नत नस्लों के व्यापक पैमाने पर प्रसार की आवश्यकता है ताकि किसानों और उद्यमियों को लाभ मिल सके।
श्री सागर मेहरा, संयुक्त सचिव, मत्स्य विभाग, भारत सरकार ने भी उद्घाटन सत्र की शोभा बढ़ाई और मछली और शेलफिश की उन्नत किस्मों की बड़े पैमाने पर उपलब्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि नीली क्रांति की संभावनाओं का एहसास करने के लिए जलीय कृषि उत्पादन के क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर दोनों विस्तार की आवश्यकता है। श्री मेहरा ने कहा कि फ्लैगशिप योजना, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत गुणवत्तापूर्ण मछली बीज उत्पादन और वितरण को प्राथमिकता दी जाती है।
इस अवसर पर बोलने वाले अन्य अतिथि, डॉ. सी.एन. रविशंकर, निदेशक एवं कुलपति, भाकृअनुप सीआईएफई, मुंबई; डॉ. सी. वासुदेवप्पा, पूर्व कुलपति, निफ्टेम, सोनीपत, हरियाणा; डॉ. ए.जी. पोन्नैया, पूर्व निदेशक, भाकृअनुप-सीबा और भाकृअनुप-एनबीएफजीआर तथा वर्तमान रोहू प्रोग्राम लीडर, डॉ. के.डी. महापात्र, प्रधान वैज्ञानिक, भाकृअनुप-सीफा थे।
इससे पहले, डॉ. पी.के. साहू, निदेशक, भाकृअनुप-सिफा ने जलीय कृषि उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने के लिए उन्नत किस्मों के लिए एक मजबूत प्रसार रणनीति तैयार करने में विशेषज्ञों से इनपुट के लिए आग्रह किया।
भाकृअनुप मात्स्यिकी अनुसंधान संस्थानों के प्रमुख; एनएफडीबी के प्रतिनिधि; विश्व मछली; राजीव गांधी जलीय कृषि केन्द्र और डॉ. एम.वी. गुप्ता, विश्व खाद्य पुरस्कार विजेता ने कार्यक्रम में भाग लिया।
राज्य के मात्स्यिकी विभागों के प्रतिनिधि, उन्नत नस्ल के प्रसार के लिए गुणक इकाई के रूप में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने वाले उद्यमियों ने भी भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय मीठा जल मत्स्य पालन संस्थान, भुवनेश्वर)








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