4 दिसंबर, 2016, सेंगुट्टैयुर, कोयंबटूर
भाकृअनुप – भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान, अनुसंधान केन्द्र, उधगमंडलम द्वारा किसान मेला एवं कृषि यंत्रीकरण एवं विपणन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन जनजातीय उपयोजना के तहत 4 दिसंबर, 2016 को किया गया।


श्री ए.के. सेल्वाराज, सांसद, राज्यसभा ने अपने अध्यक्षीय भाषण में किसानों से अपील की कि वे अपनी आजीविका सुरक्षा एवं सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत जारी आदानों का प्रयोग करें। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में वर्षा के स्वरूप में बदलाव तथा जलवायु के प्रभाव को कम करने के लिए वर्षा जल संचयन और कृत्रिम पुनर्भरण बहुत महत्वपूर्ण है। केंद्र और राज्य सरकारें कृषि उत्पादकता बढ़ाने तथा कृषि आय को तीन गुना तक करने के लिए प्रयासरत हैं तथा लक्ष्य प्राप्ति के लिए विभिन्न योजनाएं भी जारी की गई है। इसके साथ ही उन्होंने टीएसपी योजना के तहत आईसीएआर – आईआईएसडब्ल्यूसी, क्षेत्रीय केन्द्र द्वारा जारी गतिविधियों की प्रशंसा की।
श्री सेल्वाराज द्वारा गांव के किसानों के लिए कस्टम हायरिंग उद्देश्य से दो ग्रामवासी समूहों को एक मिनी ट्रैक्टर तथा पावर छिड़काव यंत्र वितरित किये गये। इसके साथ ही अन्य कृषि आदान जैसे, उच्च उत्पादन क्षमता वाली दलहन की किस्म के बीज, एकीकृत पोषण प्रबंधन के लिए जैविक एवं रासायनिक खाद, वर्मीकम्पोस्टिंग बैग व कृषि उत्पादों को सूखाने के लिए पॉलीफिल्म गांव के लाभार्थियों को वितरित किए गए।
आईसीएआर- आईआईएसडब्लयूसी, क्षेत्रीय केन्द्र, ऊटी द्वारा 10 गावों को मेरा गांव मेरा गौरव योजना के तहत अपनाया गया है। इन गांवों में से 6 नीलगिरी जिले तथा 4 कोयंबटूर जिले से हैं। कोयंबटूर जिले के सेंगुट्टैयुर तथा सिंगुलीविलेज को भारत सरकार की योजना एमजीएमजी तथा टीएसपी परियोजना के तहत चुना गया है।
(स्रोतः भाकृअनुप – भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान)








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