भाकृअनुप-भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद ने बहु-प्रौद्योगिकी परीक्षण केंद्र (एमटीटीसी) और व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र (वीटीसी), अरुणाचल प्रदेश के सीएयू-इंफाल के सहयोग से बाजरा के पोषण स्वास्थ्य लाभ, इनपुट वितरण सह विधि प्रदर्शन पर अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी सियांग एवं सियांग जिले के विभिन्न गांवों में बाजरा और फॉक्सटेल बाजरा की बेहतर बुवाई प्रथाओं पर 13-17 जुलाई, 2022 तक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया है।

इस बाजरा परियोजना के प्रधान अन्वेषक, डॉ. प्रेमराध्या, एन. को स्वास्थ्य लाभ, उत्पादन तकनीकों और छोटे बाजरा के मूल्य संवर्धन में इसके महत्व के बारे में बताया गया। इसके तहत सीधी बीज वाली लाइन बुवाई का भी प्रदर्शन किया जो इस क्षेत्र में नई थी, क्योंकि उन्होंने बीजों को प्रसारित किया और झूम के खेतों में फसल तक बिना देखभाल के छोड़ दिया। इसके अलावा, परियोजना के सह-पीआई, डॉ. अजयकुमारा के.एम. ने भी बाजरा की खेती में जैव गहन कीट और रोग प्रबंधन पर सभा को संबोधित किया।

बाद में, द्विभाषी मोड (अंग्रेजी और आदि भाषा) में बाजरा स्वास्थ्य लाभ पर पैम्फलेट तथा फिंगर बाजरा की उन्नत किस्में जीपीयू-67, वीआर-87 (GPU-67, VR-847), फॉक्सटेल बाजरा एसआईए-3156 (SIA-3156) और अन्य इनपुट (खुरपी और वर्मीकम्पोस्ट) को गांव के लगभग 80 चिन्हित किसानों को वितरित किया गया।
कार्यक्रम का आयोजन, डॉ. संगप्पा, नोडल अधिकारी (बाजरा-एनईएच कार्यक्रम), निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएमआर के मार्गदर्शन और समर्थन के तहत आयोजित किए गए थे। इसमें भाकृअनुप-आईआईएमआर, हैदराबाद और प्रो. बी.एन. हजारिका, डीन, बागवानी और वानिकी कॉलेज, (सीएयू-इंफाल), पासीघाट, अरुणाचल प्रदेश, यहां भागीदार संस्थान थे।








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