24 फरवरी, 2023, पुणे
डॉ. आनंद कुमार सिंह, उप महानिदेशक (बागवानी विज्ञान) ने आज भाकृअनुप-पुष्पकृषि अनुसंधान निदेशालय, पुणे का दौरा किया। उन्होंने हडपसर परिसर में प्रयोगशालाओं और नव विकसित कृषि कार्यालय-सह-क्षेत्र प्रयोगशाला भवन सहित डीएफआर की अवसंरचनात्मक सुविधाओं का दौरा किया।

उन्होंने संस्थान के वैज्ञानिक, प्रशासनिक एवं तकनीकी कर्मचारियों के साथ बातचीत के दौरान राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप अनुसंधान कार्य के कुछ संभावित क्षेत्रों पर जोर दिया।
डॉ. सिंह ने फसलों के रकबे को देखते हुए उच्च मूल्य वाली फूलों की फसलों पर ध्यान केन्द्रित करने तथा किसानों की उभरती समस्याओं को हल करने की दिशा में काम करने का आग्रह किया। उन्होंने निर्यात योग्य गुलाब की किस्मों, गुलदाउदी की प्रकाश-असंवेदनशील किस्मों और ल्यूटिन युक्त मैरीगोल्ड् के विकास पर काम करने का आग्रह किया। उप महानिदेशक ने वैज्ञानिकों को सूखे फूल बनाने के लिए कैप्टिव खेती के लिए फसलों की पहचान करने, अधिमानतः देशी फूलों की फसलों का उपयोग करने, फूलों की फसलों से वर्णक और न्यूट्रास्यूटिकल्स को अलग करने, परागणकों के संरक्षण और पर्यावरण के अनुकूल कीट प्रबंधन आदि का आह्वान किया। डॉ. सिंह ने कहा कि संयुक्त परियोजनाओं को विकसित करने के लिए आस-पास के राष्ट्रीय संस्थान और विश्वविद्यालय के बीच वैज्ञानिक सहयोग विकसित करने की जरूरत है जिससे बाहरी वित्त पोषण एजेंसियों से अधिक शोध निधि को आकर्षित किया जा सके।
डॉ. के.वी. प्रसाद, निदेशक, भाकृअनुप-डीएफआर ने संस्थान के चल रहे अनुसंधान कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी।
डॉ. कौशिक बनर्जी, निदेशक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय अंगूर अनुसंधान केन्द्र, पुणे इस दौरे के दौरान उपस्थित थे और उन्होंने वैज्ञानिक विमर्श में भी भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-पुष्पकृषि अनुसंधान निदेशालय, पुणे)








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