20 सितम्बर, 2025, बीकानेर
भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान केन्द्र (एनआरसीसी), बीकानेर ने अपनी क्रमोन्नति के उपलक्ष्य को आज 'उन्नयन दिवस' के रूप में मनाया। इस अवसर पर केन्द्र प्रायोजित अनुसूचित जाति उप-योजना के तहत राष्ट्रीय संगोष्ठी, किसान-वैज्ञानिक संवाद के साथ-साथ विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, डॉ. संजय कुमार, अध्यक्ष, कृषि वैज्ञानिक चयन मंडल, नई दिल्ली ने कहा कि उष्ट्र पालन को लाभकारी व्यवसाय बनाने हेतु वैज्ञानिकों को मिशन मोड में काम करना होगा। इसके लिए मादा उष्ट्र के दूध से नवीन उत्पाद विकसित कर ब्रांडिंग व मार्केटिंग के साथ इन्हें बाजार में उतारे जाने की आवश्यकता है। जिससे उष्ट्र के औषधीय दूध को देश भर के उपभोक्ताओं तक सुलभता से उपलब्ध करवाया जा सके। उन्होंने उष्ट्र पालकों को सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME) जैसी परियोजनाओं का लाभ उठाकर ग्रामीण स्तर पर दुग्ध भंडारण व प्रसंस्करण इकाइयाँ स्थापित करने तथा इससे उद्यमिता के विकास को अपनाने की बात की।
विशिष्ट अतिथि के रूप में, डॉ. अरुण कुमार तोमर, निदेशक, भाकृअनुप-केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर ने कहा कि उष्ट्र और उष्ट्र गाड़े का महत्व समय के साथ बढ़ता रहेगा और इसे संरक्षित रखना हमारा दायित्व है।
विशिष्ट अतिथि के रूप में, डॉ. आर्तबंधु साहू, निदेशक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय पशु पोषण शरीर क्रिया विज्ञान संस्थान, बैंगलुरु ने मादा उष्ट्र के दूध के औषधीय गुणों के आधार पर उचित बाज़ार मूल्य तय करने और इसे व्यावसायिक रूप देने की सलाह दी।
डॉ. अनिल कुमार पूनिया, निदेशक, भाकृअनुप-एनआरसीसी, बीकानेर ने उष्ट्र की बहुआयामी उपयोगिताओं पर प्रकाश डालते हुए इस प्रजाति को “चलती-फिरती फार्मेसी” बताया । उन्होंने उष्ट्र पालन व्यवसाय में आने वाली सामयिक चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि एनआरसीसी के वैज्ञानिक, उष्ट्र पालन व्यवसाय को आज के बदलते परिदृश्य में लाभदायक बनाने हेतु सतत प्रयत्नशील है।
इस अवसर पर, अनुसूचित जनजाति उपयोजना के तहत किसानों एवं केन्द्र के अनुबंधित कार्मिकों का सम्मान, एनआरसीसी का शिलालेख का उद्घाटन, उष्ट्र सजावट प्रतियोगिता, वैज्ञानिक प्रकाशनों एवं केन्द्र के नवगीत का विमोचन, उष्ट्र संग्रहालय का भ्रमण, उष्ट्र दुग्ध उत्पादों का प्रदर्शन, उष्ट्र प्रदर्शनी, उष्ट्र सम्मान रथ का अवलोकन, मरु गौरव यात्रा तथा कृषि परिक्षेत्र का भ्रमण आदि विविध कार्यक्रम आयोजित किया गया।
बीकानेर के कोटड़ी गांव एवं आस-पास क्षेत्रों के 45 (महिला व पुरुष) किसानों सहित एनआरसीसी एवं बीकानेर स्थित परिषद संस्थानों के वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने इस कार्यक्रम में बड़े उत्साह के साथ प्रतिभागिता की।
(स्रोतः भाकृअनुप-राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसन्धान केन्द्र, बीकानेर)
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