29 सितम्बर, 2025, पटना
भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना द्वारा प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष भी हिंदी पखवाड़ा - 2025 (14 से 29 सितम्बर) का आयोजन बड़े उत्साह तथा गरिमापूर्ण वातावरण में किया गया। यह आयोजन केवल राजभाषा हिंदी के संवर्द्धन का कार्यक्रम नहीं था, बल्कि कर्मचारियों, वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों के बीच हिंदी के प्रति आत्मीयता, जिम्मेदारी एवं कार्यनिष्ठा का भाव जागृत करना था।
पखवाड़े के दौरान तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें पहले दिन का विषय, "राजभाषा कार्यान्वयन एवं ई-एचआरएमएस" रहा, जिसमें कार्यालयीन कार्यों में हिंदी के प्रयोग की रणनीतियों तथा ई-एचआरएमएस प्रणाली के प्रभावी उपयोग पर चर्चा हुई। दूसरे दिन, "समृद्ध कृषि में उन्नत तकनीकों का योगदान" विषयक वैज्ञानिक कार्यशाला आयोजित हुई, जिसमें सभी प्रभागों से एक-एक वैज्ञानिक ने हिंदी में प्रस्तुति दी।
तीसरे दिन की कार्यशाला में, मुख्य अतिथि एवं वक्ता, श्री वीरेंद्र कुमार यादव, सदस्य, हिंदी सलाहकार समिति, केन्द्र सरकार, ने संविधान के अनुच्छेद - 343 से 351 तक हिंदी की संवैधानिक स्थिति एवं राजभाषा अधिनियम की महत्ता पर प्रकाश डाला। उन्होंने हिंदी को सांस्कृतिक पहचान और प्रशासनिक कार्यप्रणाली का सशक्त माध्यम बताया।
इस अवसर पर, डॉ. आशुतोष उपाध्याय, कार्यकारी निदेशक, भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना, ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि हिंदी पखवाड़ा - 2025 का औपचारिक शुभारंभ गुजरात के गांधीनगर में श्री अमित शाह, केन्द्रीय गृह मंत्री द्वारा किया गया। डॉ. उपाध्याय ने हिंदी को केवल प्रशासनिक दक्षता का साधन न मानकर इसे सांस्कृतिक एकीकरण तथा प्रभावी संप्रेषण का सशक्त माध्यम बताया।
इस दौरान निबंध प्रतियोगिता के साथ-साथ आशुभाषण, काव्य पाठ, व्याकरण, शब्दार्थ, अंताक्षरी, यूनिकोड टंकण और प्रश्न मंच जैसी विविध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इन सभी प्रतियोगिताओं में संस्थान के वैज्ञानिकों, तकनीकी एवं प्रशासनिक अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ-साथ आईएआरआई पटना हब के विद्यार्थियों ने भी सक्रिय भागीदारी की।
पखवाड़े का समापन 29 सितम्बर, 2025 को भव्य समारोह के साथ हुआ। इस अवसर पर कार्यकारी निदेशक ने कहा कि राजभाषा हिंदी में कार्य करना हमारी संवैधानिक जिम्मेदारी के साथ-साथ हमारा कर्तव्यबोध भी है। उन्होंने सभी को प्रेरित किया कि वे अपने दैनिक कार्यों में हिंदी को प्राथमिकता दें।
संस्थान के वैज्ञानिकों, तकनीकी एवं प्रशासनिक अधिकारियों, कर्मचारियों के साथ-साथ आईएआरआई, पटना हब के विद्यार्थियों ने भी इस समारोह में प्रतिभागिता की।
(भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद का पूर्वी अनुसंधान परिसर, पटना)
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