09 जून, 2020, नारायणगाँव, पुणे, महाराष्ट्र
कृषि विज्ञान केंद्र, नारायणगाँव, पुणे; परियोजना निदेशक, कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (एटीएमए), पुणे और महा किसान उत्पादक संगठन महासंघ (एफपीओ), पुणे, महाराष्ट्र ने मिलकर आज ‘किसान उत्पादक संगठनों का गठन' पर एक वेबिनार का आयोजन किया।
डॉ. लाखन सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे, महाराष्ट्र ने अपने उद्घाटन संबोधन में किसानों को एफपीओ बनाने पर ज़ोर देते हुए उसके लाभों के बारे में बताया। उन्होंने स्वैच्छिक और खुली सदस्यता, किसान-सदस्य आर्थिक भागीदारी, स्वयं सहायता, क्षमता निर्माण, सहयोग, एक साथ काम करने, समुदाय के लिए चिंता और एफपीओ द्वारा अपनाई जाने वाली सतत विकास के सिद्धांतों के बारे में बताया। डॉ. सिंह ने संकट की स्थिति के दौरान बाजार श्रृंखला, डोर-टू-डोर मार्केटिंग (घर-घर विपणन) और मूल्यवर्धन बनाने में एफपीओ द्वारा निभाई गई महत्त्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला।
डॉ. संजय पंढारे, उद्यम और संसाधन उत्पादन विशेषज्ञ - स्मार्ट परियोजना, महाराष्ट्र सरकार ने एफपीसी (किसान उत्पादक कंपनी) के दायरे और उद्देश्य के बारे में बताया। उन्होंने कंपनी को स्थापित करने के लिए आवश्यक पूर्ण दस्तावेज प्रक्रिया और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में भी सलाह दी।
श्री राजेंद्र साबले, परियोजना निदेशक, एटीएमए, पुणे ने एमएसीपी परियोजना के तहत पिछले 8 से 9 वर्षों में 400 से अधिक किसान उत्पादक कंपनियों (एफपीसी) की स्थापना के बारे में बताया, जिसमें से अधिकांश एफपीसी सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं और किसानों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने किसानों द्वारा एफपीओ की स्थापना को उनके उद्यमों के रूप में भी रेखांकित किया जिससे सभी किसानों को पारस्परिक रूप से लाभ हुआ है।
डॉ. प्रशांत शेते, प्रमुख, कृषि विज्ञान केंद्र, नारायणगाँव, पुणे ने किसानों से केवीके में उन्मुखीकरण प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में शामिल होने का आग्रह किया।
श्री सतीश पाटे, अध्यक्ष, शिवातेज फार्मर्स प्रोड्यूसर्स कंपनी, नारायणगाँव, पुणे ने सफलता के लिए एकता बनाने पर जोर दिया।
वेबिनार में करीब 127 प्रतिभागियों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे, महाराष्ट्र)
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