22nd अक्टूबर, 2014, करनाल
केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान (भाकृअनुप), करनाल द्वारा जींद जिले के सिवानामल गाँव में 22 अक्टूबर को खरीफ किसान मेले का आयोजन किया गया।


किसान मेले का उद्घाटन मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. रामेश्वर सिंह, परियोजना निदेशक, कृषि ज्ञान प्रबंध निदेशालय, नई दिल्ली ने किया। डॉ. सिंह ने उपस्थित कृषकों, वैज्ञानिकों तथा अधिकारियों को संबोधित करते हुए मेले में उपलब्ध उपयोगी जानकारियों पर प्रसन्नता व्यक्त की और उम्मीद जताई कि भविष्य में भी ऐसे मेलों का आयोजन होता रहेगा। तकनीकों के ज़मीनी स्तर पर प्रसार के लिए इस प्रकार के आयोजन आवश्यक हैं, क्योंकि इनसे किसानों को सीधे वैज्ञानिकों के साथ संवाद करने का अवसर प्राप्त होता है। उन्होंने संस्थान द्वारा विकसित तकनीकों की मदद से कृषकों की आय में बढ़ोतरी के लिए संस्थान के निदेशक और वैज्ञानिकों की सराहना की।


इससे पूर्व, डॉ. डी.के. शर्मा, निदेशक, केन्द्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान ने किसान मेले के प्रयोजन व तकनीकों के प्रसार में संस्थान द्वारा किये जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।
इस मेले में संस्थान द्वारा विकसित की गयी तकनीकों जैसे क्षारीय एवं लवणीय मृदा सुधार,खारे पानी के कृषि में उपयोग आदि पर महत्वपूर्ण जानकारियाँ प्रदान की गयीं। किसानों की समस्याओं पर वैज्ञानिकों के साथ कृषक गोष्ठी भी आयोजित की गयी जिसमें किसानों को उचित समाधान भी सुझाए गए। मेले में बीजों, उर्वरकों, कीटनाशकों, कृषि उपकरणों आदि को प्रदर्शित किया गया। मेले में सरकारी विभागों, सहकारी समितियों और निजी क्षेत्र की कम्पनियों द्वारा भागीदारी की गयी।
मेले में भारतीय कृषि अनुसन्धान परिषद् के विभिन्न संस्थानों, कृषि विश्वविद्यालयों और कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रतिनिधियों के अलावा बड़ी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया। एक हजार से अधिक किसानों ने इस अवसर का लाभ उठाया।
(स्रोतः कृषि ज्ञान प्रबंध निदेशालय, भाकृअनुप)








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