कृषि अनुसंधान और शिक्षा के क्षेत्र में विज्ञान और प्रौद्योगिकी कार्यक्रमों को प्रोत्साहन देने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिशद राष्ट्रीय स्तर का शीर्ष संगठन है। कृषि पर रॉयल कमीशन की संस्तुति से सोसायटी पंजीकरण एक्ट 1860 के तहत 16 जुलाई 1929 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की स्थापना की गयी थी। सन् 1965 और 1976 में दो बार इसका पुर्नगठन किया गया। भा.कृ.अनु.प. का मुख्यालय कृषि भवन, नई दिल्ली में स्थित है और कृषि अनुसंधान भवन । और ।। तथा राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा, नई दिल्ली में अन्य विभाग हैं।
केन्द्रीय कृषि मंत्री ही भा.कृ.अनु.प. के अध्यक्ष हैं। महानिदेशक ही भा.कृ.अनु.प. के प्रमुख कार्यकारी ऑफिसर हैं। ये कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग, भारत सरकार के सचिव भी हैं। भा.कृ.अनु.प. की आम सभा इसकी सर्वोच्च संस्था है और केन्द्रीय कृषि मंत्री इसके प्रमुख हैं। कृषि, पशु पालन और मात्स्यिकी मंत्री, विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी, संसद, उद्योग, शिक्षा संस्थाओं, वैज्ञानिक संगठनों और किसानों के प्रतिनिधि इसके सदस्य हैं।
भा.कृ.अनु.प. की आम सभा ही इसकी प्रमुख कार्यकारी और निर्णायक प्राधिकरण है। महानिदेशक इसके प्रमुख हैं। प्रख्यात कृषि वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों, सांसद और किसानों के प्रतिनिधि आम सभा के सदस्य हैं। इसकी सहायता के लिए स्थायी वित्त समिति, प्रत्यायन मंडल, क्षेत्रीय समिति, नीति और नियोजन समिति, कई वैज्ञानिक पैनल और प्रकाशन समिति है। वैज्ञानिक मामलों में महानिदेशक की सहायता के लिए निम्न संभागों के 8 उपमहानिदेशक हैं:- (1.) फसल विज्ञान (2.) बागवानी (3.) प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन (4.) कृषि अभियांत्रकी (5.) पशु विज्ञान (6.) मात्स्यिकी (7.) कृषि शिक्षा और (8.) कृषि प्रसार। इन उपमहानिदेशकों का दायित्व संबंधित संस्थानों, राष्ट्रीय अनुसंधान केन्द्रों और प्रायोजना निदेशालयों के कार्यकलापों पर आधारित है।
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