बीआईएस तथा भाकृअनुप-एनआईबीएसएम ने एग्रो-टेक्सटाइल्स में मानकीकरण पर जागरूकता सेमिनार का किया आयोजन

बीआईएस तथा भाकृअनुप-एनआईबीएसएम ने एग्रो-टेक्सटाइल्स में मानकीकरण पर जागरूकता सेमिनार का किया आयोजन

14 नवंबर, 2025, रायपुर

ब्यूरो ऑफ़ इंडियन स्टैंडर्ड्स (बीआईएस), नई दिल्ली, ने भाकृअनुप-राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान, रायपुर के साथ मिलकर आज एग्रो-टेक्सटाइल्स में मानकीकरण पर एक दिन का जागरूकता सेमिनार आयोजित किया। इस कार्यक्रम का मकसद किसानों और दूसरे हितधारकों को कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रमाणित कृषि रेशा उत्पाद के महत्व के बारे में बताना था। इस कार्यक्रम में आस-पास के इलाकों के किसानों ने बड़े उत्साह के साथ भाग लिया।

सेमिनार का उद्घाटन, डॉ. पी.के. राय, निदेशक, भाकृअनुप-एनआईबीएसएम, ने किया। उन्होंने संस्थान की पहलों एवं आधुनिक कृषि में एग्रो-टेक्सटाइल्स की बढ़ती भूमिका पर जोर दिया।  

BIS and ICAR–NIBSM Organises Awareness Seminar on Standardization in Agro-Textiles

डॉ. पंकज शर्मा, संयुक्त निदेशक एवं समन्वयक (सेमिनार), ने सभी पार्टिसिपेंट्स का स्वागत किया और प्रोग्राम के मकसद बताया। उन्होंने स्टैंडर्ड एग्रीकल्चरल एग्रो-टेक्सटाइल प्रोडक्ट्स और क्वालिटी कंट्रोल की अहमियत के बारे में भी ज़रूरी जानकारी साझा की।

डॉ. गौरव मिश्रा (वैज्ञानिक बी), बीआईएस, नई दिल्ली, ने एक तकनीकी सत्र का नेतृत्व किया, जिसमें एग्रो-टेक्सटाइल और संबंधित कृषि उत्पाद के लिए ज़रूरी इंडियन स्टैंडर्ड्स पर फोकस किया गया। उन्होंने मजबूती, गुणवत्ता और कुल उत्पादन को बेहतर बनाने में उनकी भूमिका पर ज़ोर दिया। डॉ. मिश्रा ने बीआईएस केयर ऐप के बारे में भी बताया तथा प्रोडक्ट की असलियत वेरीफाई करने और नकली चीजों की रिपोर्ट करने में इसकी उपयोगिता दिखाई।

BIS and ICAR–NIBSM Organises Awareness Seminar on Standardization in Agro-Textiles

एक संवादात्मक सत्र में हिस्सा लेने वालों को बीआईएस एक्सपर्ट्स और भाकृअनुप के वैज्ञानिकों के साथ प्रोडक्ट क्वालिटी चेक, एग्रो-टेक्सटाइल एप्लीकेशन एवं सिंचाई की एफिशिएंसी जैसे टॉपिक पर बातचीत करने का मौका मिला। किसानों ने खुलकर अपने अनुभव तथा चुनौतियां शेयर कीं, जबकि एक्सपर्ट्स ने प्रैक्टिकल एवं फील्ड से जुड़े समाधान बताए।

इस सेमिनार में 100 से ज़्यादा किसानों ने हिस्सा लिया, उन्होंने मिली कीमती जानकारी के लिए तारीफ की और भविष्य में ऐसे और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने का अनुरोध किया। इस कार्यक्रम को डॉ. ममता चौधरी और डॉ. के.सी. शर्मा ने सुचारू रूप से कोऑर्डिनेट किया, जिससे यह सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।

(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय जैविक तनाव प्रबंधन संस्थान, रायपुर)

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