9 सितंबर, 2025, नई दिल्ली
भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली ने नोबेल पुरस्कार विजेता तथा हरित क्रांति के जनक, डॉ. नॉर्मन ई. बोरलॉग की पोती और बोरलॉग फाउंडेशन की अध्यक्ष एवं विश्व खाद्य पुरस्कार की सलाहकार परिषद की अध्यक्ष, सुश्री जूली बोरलॉग के सम्मान में एक सम्मान समारोह का आयोजन किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता, डॉ. चेरुकमल्ली श्रीनिवास राव, निदेशक, भाकृअनुप-आईएआरआई, नई दिल्ली, ने की। डॉ. ब्रैम गोवार्ट्स, महानिदेशक, सीआईएमएमवाईटी, मेक्सिको, और डॉ. बी.एम. प्रसन्ना, प्रबंध निदेशक, बोरलॉग इंस्टीट्यूट फॉर साउथ एशिया (बीआईएसए), और सीआईएमएमवाईटी के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक एवं एशिया के क्षेत्रीय निदेशक ने कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया।

डॉ. राव ने अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया और सुश्री जूली बोरलॉग का सम्मान किया। उन्होंने हरित क्रांति और वैश्विक भुखमरी निवारण में डॉ. नॉर्मन ई. बोरलॉग के योगदान तथा भारत में हरित क्रांति के जनक, भारत रत्न प्रो. एम.एस. स्वामीनाथन के साथ उनके घनिष्ठ संबंधों का सारांश प्रस्तुत किया, जिसमें बौनी गेहूँ की किस्मों के बीज साझा करना, बौनी गेहूँ की किस्मों को लोकप्रिय बनाने और 1965 से 1971 तक गेहूँ के सुधार के लिए मार्गदर्शन हेतु भारत की नियमित यात्राएं शामिल थी।
सुश्री जूली बोरलॉग ने हरित क्रांति के जन्मस्थान, जहाँ उनके दादा डॉ. नॉर्मन ई. बोरलॉग ने प्रो. एम.एस. स्वामीनाथन, आईसीएआर-आईएआरआई के वैज्ञानिकों, किसानों और नीति निर्माताओं के साथ मिलकर काम किया था, उस स्थान पर उन्हें आमंत्रित करने के लिए भाकृअनुप-आईएआरआई की सराहना की। उन्होंने टिकाऊ कृषि की दिशा में भाकृअनुप-आईएआरआई के साथ मिलकर काम करने के लिए बोरलॉग फाउंडेशन की प्रतिबद्धता पर ज़ोर दिया।
डॉ. गोवार्ट्स ने भाकृअनुप-आईएआरआई तथा सीआईएमएमवाईटी के बीच सहयोगात्मक अनुसंधान की सराहना की और कृषि को अधिक उत्पादक तथा जलवायु परिवर्तन के प्रति लचीला बनाने हेतु और अधिक घनिष्टता से काम करने की आवश्यकता पर बल दिया।
डॉ. प्रसन्ना ने डॉ. नॉर्मन ई. बोरलॉग के योगदान और 1996 में भाकृअनुप-आईएआरआई के 34वें दीक्षांत समारोह में उनके प्रेरक संबोधन को याद किया, जब पंडाल से टपकते बारिश के पानी के बावजूद उन्होंने छात्रों से देश की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बारिश में काम करने वाले किसानों के अथक प्रयासों को याद करने का आग्रह किया था।

डॉ. विश्वनाथन सी., संयुक्त निदेशक (अनुसंधान), ने संस्थान के प्रति डॉ. नॉर्मन ई. बोरलॉग के विशेष स्नेह और भारत सरकार की सेना से भाकृअनुप-आईएआरआई क्षेत्रीय स्टेशन वेलिंगटन को 36 एकड़ भूमि हस्तांतरित करने में उनकी भूमिका को याद किया। कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
कार्यक्रम में डॉ. अनुपमा सिंह, डीन एवं संयुक्त निदेशक (शिक्षा); प्रभागाध्यक्ष और प्रोफेसर उपस्थित थे। प्रतिभागी डॉ. नॉर्मन ई. बोरलॉग और प्रो. एम.एस. स्वामीनाथन के योगदान और विरासत से प्रेरित थे।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली)
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