10 अक्टूबर, 2025, नई दिल्ली
भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली ने कृषि शिक्षा, अनुसंधान और नवाचार में सहयोग को मजबूत करने के लिए ऑस्ट्रेलिया के वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय (डब्ल्यूएसयू) के एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल की मेजबानी की। प्रो. इयान एंडरसन, उप-कुलपति (अनुसंधान और उद्यम) के नेतृत्व में डब्ल्यूएसयू टीम में प्रो. मार्क टोजेल्कर, निदेशक, पर्यावरण संस्थान, हॉक्सबरी; डॉ. निशा राकेश, प्रमुख, अंतर्राष्ट्रीय रणनीति और साझेदारी (खाद्य और पर्यावरण); तथा डॉ. कोपल चौबे, प्रमुख, अनुसंधान सहयोग और साझेदारी (दक्षिण एशिया), शामिल थीं।
प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए, डॉ. चेरुकमल्ली श्रीनिवास राव, निदेशक, भाकृअनुप-आईएआरआई ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के कृषि-जलवायु क्षेत्र और गेहूँ व चना जैसी फ़सल प्रणालियाँ समान हैं, और दोनों ही मृदा क्षरण, जल की कमी, पोषक तत्वों के असंतुलन तथा जलवायु परिवर्तन जैसी समान चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने टिकाऊ, किसान- एवं उपभोक्ता-केन्द्रित समाधान प्रदान करने के लिए विज्ञान-संचालित सहयोग तथा मानव संसाधन विकास की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।

चर्चा के प्रमुख क्षेत्रों में शामिल थे:
• मौजूदा दोहरी डिग्री पीएचडी कार्यक्रम का विस्तार करके स्नातक तथा परास्नातक स्तर को शामिल करना;
• शिक्षण एवं अनुसंधान के लिए संकाय आदान-प्रदान और अवकाशकालीन कार्यक्रमों की स्थापना;
• छात्र नवाचार और कृषि-स्टार्टअप को बढ़ावा देने के लिए पूसा लॉन्च पैड तथा डब्ल्यूएसयू लॉन्च पैड के बीच तालमेल बनाना;
• टिकाऊ संसाधन प्रबंधन, डिजिटल कृषि एवं जलवायु परिवर्तन के प्रति संयुक्त अनुसंधान को मजबूत करना।
डॉ. अनुपमा सिंह, संयुक्त निदेशक (शिक्षा), भाकृअनुप-आईएआरआई, ने दोनों संस्थानों के साझा दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला - डब्ल्यूएसयू, जिसे सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के कार्यान्वयन के लिए टाइम्स हायर एजुकेशन इम्पैक्ट रैंकिंग में विश्व स्तर पर नंबर 1 स्थान मिला है, और आईएआरआई, जिसे सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) की प्रगति - स्थिरता-उन्मुख शिक्षा, कौशल संवर्धन एवं नवाचार को आगे बढ़ाने हेतु भारत में नंबर 2 स्थान मिला है।
बैठक का समापन दोहरी डिग्री कार्यक्रमों को व्यापक बनाने, छात्र और संकाय सदस्यों के आदान-प्रदान की पहल करने एवं एक संयुक्त इनक्यूबेशन ढाँचा विकसित करने की साझा प्रतिबद्धता के साथ हुआ। प्रो. एंडरसन ने घोषणा की कि अगले वर्ष खुलने वाला डब्ल्यूएसयू का नया नोएडा परिसर संस्थागत सहयोग और भौगोलिक निकटता को बढ़ाएगा। डॉ. राकेश ने आगे कहा कि परिसर में एक लॉन्च पैड सुविधा होगी जो ऑस्ट्रेलिया में आईएआरआई के छात्रों के लिए निरंतर नवाचार आदान-प्रदान और रोजगार के अवसर प्रदान करेगी।

प्रतिनिधिमंडल ने नानाजी देशमुख पादप फिनोमिक्स केन्द्र और राष्ट्रीय फाइटोट्रॉन सुविधा का भी दौरा किया, जहां उन्होंने आईएआरआई के अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे एवं वैज्ञानिक नेतृत्व की सराहना की।
दोनों संस्थानों द्वारा टिकाऊ कृषि, जलवायु-अनुकूल प्रौद्योगिकियों तथा विश्व स्तर पर प्रासंगिक शिक्षा मॉडलों को संयुक्त रूप से आगे बढ़ाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि के साथ इस यात्रा का समापन हुआ, जिससे एक लचीले एवं खाद्य-सुरक्षित भविष्य के लिए भारत-ऑस्ट्रेलियाई सहयोग ज्यादा मजबूत होगा।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली)
फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें