4 सितंबर, 2025, लखनऊ
भाकृअनुप-राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, लखनऊ ने आज मणिपुर विश्वविद्यालय, कांचीपुर, इम्फाल के साथ मत्स्य पालन तथा संबद्ध विज्ञानों में दीर्घकालिक अनुसंधान सहयोग, प्रशिक्षण और शैक्षणिक आदान-प्रदान को सुगम बनाने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया।
इस समझौता ज्ञापन पर प्रो. एम. प्रेमजीत सिंह, रजिस्ट्रार, मणिपुर विश्वविद्यालय और डॉ. काजल चक्रवर्ती, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएफजीआर, ने प्रो. एन. लोकेंद्र सिंह, कुलपति, मणिपुर विश्वविद्यालय, की उपस्थिति में औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किया।
प्रो. एन. लोकेंद्र सिंह, कुलपति, मणिपुर विश्वविद्यालय, ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह सहयोग शोध छात्रों के लिए अवसरों को काफ़ी बढ़ाएगा और मत्स्य पालन एवं संबद्ध विज्ञानों के सीमावर्ती क्षेत्रों में क्षमता निर्माण में योगदान देगा।

इस अवसर पर बोलते हुए, डॉ. काजल चक्रवर्ती, निदेशक, भाकृअनुप-एनबीएफजीआर, ने इस बात पर जोर दिया कि यह साझेदारी भाकृअनुप-एनबीएफजीआर के मत्स्य आनुवंशिक संसाधनों पर अधिदेश के साथ शैक्षणिक उत्कृष्टता को एकीकृत करके भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में मत्स्य विज्ञान को मज़बूत करेगी।
यह समझौता ज्ञापन मणिपुर विश्वविद्यालय के शोधार्थियों को भाकृअनुप-एनबीएफजीआर में अपने शोध-प्रबंध करने में सक्षम बनाता है। यह छात्र विनिमय कार्यक्रमों, प्रशिक्षण और प्रयोगशाला सुविधाओं तक पहुँच को भी सुगम बनाता है।
भाकृअनुप-एनबीएफजीआर तथा मणिपुर विश्वविद्यालय के बीच इस रणनीतिक सहयोग से नवाचार को बढ़ावा देने, कुशल जनशक्ति को प्रशिक्षित करने और मत्स्य आनुवंशिक संसाधनों के सतत प्रबंधन को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, लखनऊ)
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