19 अगस्त, 2025, झाँसी
डॉ. एम.एल. जाट, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक (भाकृअनुप) ने आज भाकृअनुप के उप-महानिदेशक (फसल विज्ञान) डॉ. डी.के. यादव के साथ मिलकर भाकृअनुप-भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झाँसी और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सहयोगात्मक परियोजना 'चुनौतीपूर्ण वातावरण में सतत जैव ऊर्जा में क्रांति लाने के लिए बारहमासी घासों का उपयोग' के अंतर्गत 'जैव ऊर्जा घासों पर अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता केन्द्र' का शुभारंभ किया तथा इस परियोजना के अंतर्गत 'उन्नत पादप फेनॉमिक्स सुविधा' की आधारशिला भी रखी।

डॉ. जाट ने संस्थान के कर्मचारियों के साथ बातचीत करते हुए, देश की चारा सुरक्षा में सुधार और किसानों की आजीविका को सुदृढ़ बनाने में संस्थान की उपलब्धियों एवं इसके योगदान की सराहना की। इसके साथ ही, उन्होंने भारत और उसके कृषक समुदाय की समृद्धि को बढ़ाने के लिए मांग-आधारित, बहुविषयक तथा रचनात्मक अनुसंधान प्रयासों की आवश्यकता पर भी बल दिया।
डॉ. यादव ने अपने संबोधन में विभिन्न चारा प्रौद्योगिकियों के विकास में संस्थान के प्रयासों की सराहना की, उन्होंने देश के पशुधन क्षेत्र के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

आरंभ में, डॉ. पंकज कौशल, निदेशक, भाकृअनुप-आईजीएफआरआई ने संस्थान की गतिविधियों एवं उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।
रिलायंस के अधिकारियों ने भाकृअनुप-आईजीएफआरआई के साथ सहयोग करने के लिए आभार व्यक्त किया और चारा अनुसंधान को आगे बढ़ाने तथा जैव ऊर्जा उद्देश्यों के लिए घासों के उपयोग के माध्यम से सहयोग के महत्व के बारे में बताया।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय चरागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झाँसी)
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