29 सितंबर, 2025, भुवनेश्वर
भाकृअनुप-केन्द्रीय मीठा जल जलीय कृषि संस्थान, भुवनेश्वर ने श्री दीपक कुमार स्वैन, स्वामी, मेसर्स जसोदा हैचरी, रंदियाहाट, भद्रक, ओडिशा के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। इस समझौता ज्ञापन के तहत संस्थान द्वारा चयनात्मक प्रजनन के माध्यम से विकसित दो उत्कृष्ट मत्स्य प्रजातियों, आनुवंशिक रूप से उन्नत एएचआर-जयंती रोहू और सीफा-अमृत कतला के प्रसार हेतु एक अधिकृत गुणक इकाई स्थापित की जाएगी।
यह समझौता ज्ञापन, जो पाँच वर्षों (29 सितंबर, 2025 से 28 सितंबर, 2030 तक) के लिए वैध है, संस्थान के डॉ. वी.आर.पी. सिन्हा कृषि-व्यवसाय ऊष्मायन (एबीआई) केन्द्र में औपचारिक रूप से संपन्न हुआ।

डॉ. पी.के. साहू, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएफए, ने देश भर में मीठे पानी की जलीय कृषि प्रौद्योगिकियों को आगे बढ़ाने में संस्थान की महत्वपूर्ण भूमिका पर ज़ोर दिया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इन उन्नत किस्मों को व्यापक रूप से अपनाने से मत्स्य उत्पादकता में उल्लेखनीय वृद्धि हो सकती है और किसानों की आय में वृद्धि हो सकती है। डॉ. साहू ने मत्स्य पालकों को गुणवत्तापूर्ण बीजों की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु गुणक इकाई स्तर पर आनुवंशिक शुद्धता बनाए रखने के महत्व पर भी ज़ोर दिया।
श्री दीपक कुमार स्वैन ने आभार व्यक्त करते हुए जलीय कृषि में अपने अनुभव साझा किया तथा विश्वास व्यक्त किया कि एएचआर-जयंती रोहू तथा सीफा-अमृत कतला जैसी आनुवंशिक रूप से उन्नत किस्मों के प्रसार से ओडिशा और अन्य क्षेत्रों के मत्स्य पालकों को बहुत लाभ होगा।
इसी अवसर पर, मीठे पानी की जलीय कृषि में नवाचार तथा उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए दो नए इनक्यूबेटी भाकृअनुप-सीआईएफए के कृषि-व्यवसाय इनक्यूबेशन केन्द्र में शामिल हुए।ये सहयोग भाकृअनुप-सीआईएफए के इनक्यूबेशन नेटवर्क को और मजबूत करते हैं, जिसका उद्देश्य जलीय कृषि-आधारित स्टार्टअप्स को समर्थन देना है।
समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर समारोह में भाकृअनुप-सीआईएफए के वैज्ञानिकों, कर्मचारियों और हितधारकों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय मीठा जल जलीय कृषि संस्थान, भुवनेश्वर)
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