भाकृअनुप-सीआरआईडीए के केवीके रंगा रेड्डी में 20वां पार्थेनियम जागरूकता सप्ताह का किया गया आयोजन

भाकृअनुप-सीआरआईडीए के केवीके रंगा रेड्डी में 20वां पार्थेनियम जागरूकता सप्ताह का किया गया आयोजन

16-22 अगस्त, 2025, हैदराबाद

भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्कभूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, संतोष नगर, हैदराबाद के अंतर्गत कृषि विज्ञान केन्द्र, रंगा रेड्डी ने 16 से 22 अगस्त, 2025 तक 20वां पार्थेनियम जागरूकता सप्ताह मनाया। इस पहल का उद्देश्य पार्थेनियम हिस्टेरोफोरस (जिसे आमतौर पर गाजर घास, कांग्रेस घास या गाजरघास के रूप में जाना जाता है) के हानिकारक प्रभावों को उजागर करना तथा टिकाऊ कृषि एवं जन स्वास्थ्य के लिए इसके प्रभावी प्रबंधन को बढ़ावा देना था।

केवीके परिसर, प्रदर्शन फार्मों तथा आसपास के किसानों के खेतों को पार्थेनियम से मुक्त रखने के लिए जागरूकता गतिविधियों की एक श्रृंखला आयोजित की गई। अभियान आसपास के गांवों, हयातनगर अनुसंधान फार्म परिसर और स्थानीय स्कूलों तक फैला हुआ था।

सप्ताह के दौरान, विशेषज्ञों ने पार्थेनियम को एक अत्यधिक आक्रामक खरपतवार के रूप में रेखांकित किया, जो फसल की पैदावार तथा पशुधन उत्पादकता में भारी नुकसान पहुंचाता है साथ ही त्वचाशोथ तथा श्वसन संबंधी समस्याओं जैसे स्वास्थ्य संबंधी खतरे पैदा करता है। प्रतिभागियों को यांत्रिक विधियों (हाथ से उखाड़ना, घास काटना), कृषि तकनीकों (फसल चक्रण, प्रतिस्पर्धी फसल), जैविक नियंत्रण (ज़िगोग्रामा बाइकोलोराटा का उपयोग) तथा सुरक्षित शाकनाशी अनुप्रयोगों को मिलाकर एकीकृत प्रबंधन प्रथाओं के प्रति संवेदनशील बनाया गया। पार्थेनियम बायोमास के जैविक नियंत्रण और खाद बनाने पर लाइव प्रदर्शन भी किया गया।

20th Parthenium Awareness Week Observed at KVK Ranga Reddy, ICAR-CRIDA

कार्यक्रम में गैर-फसल क्षेत्रों, जैसे आवासीय क्षेत्रों, सड़कों के किनारे, पार्कों और रेलवे पटरियों में पार्थेनियम के कारण होने वाले उपद्रव पर भी प्रकाश डाला गया। इस कार्यक्रम के एक भाग के रूप में, केवीके परिसर से पार्थेनियम खरपतवारों को भौतिक रूप से हटाने के लिए एक स्वच्छता अभियान चलाया गया, जिसमें कर्मचारियों, छात्रों एवं किसानों की सक्रिय भागीदारी रही।

सप्ताह भर चले इस अभियान ने पार्थेनियम के प्रसार को स्थायी रूप से रोकने के साथ-साथ कृषि, पशुधन एवं मानव स्वास्थ्य की सुरक्षा हेतु एकीकृत खरपतवार प्रबंधन (आईडब्ल्यूएम) दृष्टिकोणों की आवश्यकता पर बल दिया।

इसमें लगभग 60 बी.एससी. आरएडब्ल्यूई छात्र, विवेकानंद हाई स्कूल के 102 स्कूली छात्र, 121 किसान तथा रंगा रेड्डी और विकाराबाद जिलों की 66 कृषक महिलाएं शामिल थीं।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय शुष्क भूमि कृषि अनुसंधान संस्थान, संतोष नगर, हैदराबाद)

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