भाकृअनुप-सीसीआरआई तथा एलआईटीयू ने सिट्रस विज्ञान में शैक्षणिक एवं अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन पर किया हस्ताक्षर

भाकृअनुप-सीसीआरआई तथा एलआईटीयू ने सिट्रस विज्ञान में शैक्षणिक एवं अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन पर किया हस्ताक्षर

29 जुलाई, 2025, नागपुर

शैक्षणिक उत्कृष्टता एवं कृषि नवाचार को बढ़ावा देने की एक ऐतिहासिक पहल के तहत, भाकृअनुप-केन्द्रीय सिट्रस अनुसंधान संस्थान, नागपुर और लक्ष्मीनारायण नवाचार प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, नागपुर ने भाकृअनुप-सीसीआरआई के 41वें स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया। डॉ. दिलीप घोष, निदेशक, भाकृअनुप-सीसीआरआई और डॉ. अतुल नारायण वैद्य, कुलपति, एलआईटीयू की उपस्थिति में इस समझौता ज्ञापन पर औपचारिक रूप से हस्ताक्षर किया गया। इस कार्यक्रम में प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति, वैज्ञानिक, संकाय सदस्य तथा छात्र उपस्थित थे, जिसने भारत के सिट्रस क्षेत्र के केन्द्र में स्थित दो अग्रणी संस्थानों के बीच एक रणनीतिक सहयोग की शुरुआत को चिह्नित किया।

ICAR-CCRI and LITU Ink MoU to Boost Academic and Research Collaboration in Citrus Science

अपने संबोधन में, डॉ. घोष ने नवाचार-आधारित अनुसंधान, उद्योग साझेदारी और कौशल विकास के माध्यम से भारत के सिट्रस क्षेत्र को उन्नत करने के संस्थान के रणनीतिक दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "एलआईटीयू” के साथ यह सहयोग प्रतिभाशाली नींबू वर्गीय शोधकर्ताओं का एक ऐसा समूह विकसित करने में उत्प्रेरक का काम करेगा जो किसानों, प्रसंस्करणकर्ताओं और निर्यातकों, सभी के लाभ के लिए विज्ञान-आधारित समाधान एवं नवाचारों को आगे बढ़ाएंगे।"

हस्ताक्षर समारोह में बोलते हुए, डॉ. वैद्य ने अकादमिक कठोरता को क्षेत्र-उन्मुख अनुसंधान के साथ जोड़ने की महत्वपूर्ण आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने भारत के बागवानी परिदृश्य को आगे बढ़ाने में भाकृअनुप-सीसीआरआई की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की और विश्वास व्यक्त किया कि यह सहयोग छात्रों और शोधकर्ताओं को सिट्रस की खेती, प्रसंस्करण तथा मूल्य श्रृंखला विकास में उभरती चुनौतियों का समाधान करने के लिए सशक्त बनाएगा।

इस ऐतिहासिक साझेदारी का उद्देश्य एक संयुक्त डॉक्टरेट डिग्री कार्यक्रम शुरू करना है, जो कटाई-पश्चात प्रबंधन, नींबू वर्गीय प्रसंस्करण, मूल्यवर्धित उत्पाद विकास, नींबू वर्गीय उप-उत्पादों की जैव-पूर्वेक्षण और जलवायु-अनुकूल बागवानी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में उच्च-गुणवत्ता वाले अनुसंधान तथा उन्नत शैक्षणिक जुड़ाव को सुगम बनाएगा। इस सहयोग का उद्देश्य नींबू वर्गीय नवाचार और स्थिरता पर केन्द्रित दृष्टिकोण के साथ अगली पीढ़ी के वैज्ञानिकों, प्रौद्योगिकीविदों एवं कृषि-उद्यमियों को विकसित करने के लिए एक मजबूत मंच प्रदान करना है।

ICAR-CCRI and LITU Ink MoU to Boost Academic and Research Collaboration in Citrus Science

यह समझौता ज्ञापन नागपुर स्थित दो प्रमुख संस्थानों के बीच अपनी तरह का पहला गठबंधन है और भविष्य में पूरे भारत में शैक्षणिक-अनुसंधान साझेदारियों के लिए एक आदर्श ढाँचे के रूप में कार्य करेगा। यह संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं, डॉक्टरेट विद्वानों के सह-मार्गदर्शन, प्रयोगशाला तथा क्षेत्रीय अवसंरचना के आदान-प्रदान और संकाय-छात्र आदान-प्रदान को एक समग्र तथा अंतःविषयक शिक्षण वातावरण बनाने में सक्षम बनाएगा।

इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर न केवल भाकृअनुप-सीसीआरआई द्वारा सिट्रस अनुसंधान हेतु चार दशकों की समर्पित सेवा का स्मरण कराता है, बल्कि भारत के सिट्रस पारिस्थितिकी तंत्र में एकीकृत, अंतःविषयक तथा प्रभाव-संचालित शिक्षा एवं अनुसंधान के एक नए युग की नींव भी रखता है।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय नींबू वर्गीय अनुसंधान संस्थान, नागपुर)

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