22 नवंबर, 2025, नागपुर
भारत के खट्टे फलों पर आधारित फ्लेवर और खुशबू से जुड़े प्रभाग को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, भाकृअनुप–केन्द्रीय सिट्रस अनुसंधान संस्थान, नागपुर, ने फ्लेवर, खुशबू और एक्टिव कॉस्मेटिक सामग्री में ग्लोबल लीडर गिवौडन (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमएयू) पर हस्ताक्षर किया।
इस एमएयू पर आज भाकृअनुप-सीसीएआरआई, नागपुर में डॉ. दिलीप घोष, निदेशक, भाकृअनुप-सीसीएआरआई, और श्री प्रदीप खुराना, मार्केटिंग हेड – दक्षिण एशिया, टेस्ट एंड वेलबीइंग, गिवौडन इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने हस्ताक्षर किया।

सिट्रस से बने फ्लेवर, खुशबू और एक्टिव सामग्री में अपने अग्रणी काम के लिए जानी जाने वाली गिवौडन इंडिया ने अपने प्रमुख सिट्रस ट्रेक® पहल के तहत वैज्ञानिक और फील्ड-आधारित कंसल्टेंसी सहायता प्राप्त करने के लिए भाकृअनुप-सीसीएआरआई के साथ साझेदारी की है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वदेशी खट्टे फलों की किस्मों का पता लगाना तथा उच्च-मूल्य वाले उत्पाद विकसित करने के लिए उनके प्राकृतिक सुगंधित और फ्लेवर यौगिकों की विशेषताओं का पता लगाना है।
इस कंसल्टेंसी सहयोग के तहत, भाकृअनुप-सीसीएआरआई के वैज्ञानिक और गिवौडन के विशेषज्ञ प्रमुख फेनोलॉजिकल चरणों के दौरान प्रमुख खट्टे फल उगाने वाले क्षेत्रों का संयुक्त रूप से दौरा करेंगे। इनमें नागपुर मैंडरिन का अंबिया बहार फल कटाई का मौसम, उत्तर-पूर्वी भारत में खासी मैंडरिन की कटाई की अवधि, और नागपुर मैंडरिन में अंबिया बहार के फूल आने का चरण शामिल है। ये दौरे चुनिंदा स्वदेशी खट्टे फलों में प्राकृतिक फ्लेवर, खुशबू और वाष्पशील पदार्थों के व्यवस्थित मूल्यांकन में मदद करेंगे।
इस साझेदारी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, डॉ. दिलीप घोष, निदेशक, भाकृअनुप-सीसीएआरआई ने कहा कि यह पहल "नागपुर और खासी मैंडरिन के रमणीय प्राकृतिक फ्लेवर और सुगंध प्रोफाइल" की खोज को सक्षम बनाएगी, जिससे प्रीमियम एसेंशियल ऑयल, फ्लेवर, खुशबू और वैल्यू-एडेड उत्पादों में उनके उपयोग में आसानी होगी। उन्होंने आगे कहा कि यह सहयोग भारत के खट्टे फलों पर आधारित प्रसंस्करण क्षेत्र को मजबूत करेगा और आयातित फ्लेवर और खुशबू सामग्री पर निर्भरता कम करने में मदद करेगा। उन्होंने कहा, "इस अनूठी पहल में भारतीय खट्टे फलों को वैश्विक उच्च-मूल्य वाले सुगंधित सामग्री बाजार में स्थापित करके उनकी व्यावसायिक संभावनाओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाने की क्षमता है।"

साथ ही इसे उपयोग में लाने की दिशा में पहले कदम के तौर पर, भाकृअनुप-सीसीएआरआई के वैज्ञानिकों की एक टीम ने गिवौडन इंडिया की साइंटिफिक टीम के सदस्यों के साथ मिलकर नागपुर ज़िले के कटोल और मोहपा इलाकों में नागपुर संतरे के बागों का दौरा किया। उन्होंने फलों के सैंपल इकट्ठा किया और एडवांस्ड एनालिसिस के लिए सीधे बागों से नैचुरल खुशबू के प्रोफाइल लिया।
भाकृअनुप-सीसीएआरआई तथा गिवौडन इंडिया के बीच यह मिलकर की गई पहल भारत की समृद्ध खट्टे फलों की बायोडायवर्सिटी का इस्तेमाल ग्लोबल फ्लेवर एवं खुशबू के इनोवेशन के लिए करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उम्मीद है कि इससे किसानों, प्रोसेसर और पूरे खट्टे फलों के उद्योग के लिए नए मौके का अवसर मिलेगा।
(स्रोत: भाकृअनुप–केन्द्रीय सिट्रस अनुसंधान संस्थान, नागपुर)







फेसबुक पर लाइक करें
यूट्यूब पर सदस्यता लें
X पर फॉलो करना X
इंस्टाग्राम पर लाइक करें