30 जुलाई, 2025, गोवा
गोवा कृषि महाविद्यालय में आज छात्रों और शिक्षकों के लाभार्थ 'स्वतंत्रता के बाद भारतीय कृषि की गौरवशाली यात्रा' शीर्षक से एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया।

डॉ. परवीन कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (भाकृअनुप) का व्यापक अवलोकन प्रस्तुत किया और स्वतंत्रता के बाद से भारतीय कृषि की परिवर्तनकारी यात्रा का वर्णन किया। उन्होंने खाद्यान्न उत्पादन में हुई जबरदस्त वृद्धि पर प्रकाश डाला, जिसने न केवल जनसंख्या वृद्धि के साथ तालमेल बनाए रखा है, बल्कि उसे पार भी कर लिया है, जिससे राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।
डॉ. कुमार ने 1950-51 से लेकर वर्तमान तक के तुलनात्मक आँकड़े साझा किए, जिसमें अनाज, दलहन, तिलहन, बाजरा, बागवानी फसलों, दूध और अन्य प्रमुख वस्तुओं के उत्पादन में हुई उल्लेखनीय प्रगति को दर्शाया गया। उन्होंने बुनियादी ढाँचे, साक्षरता और कृषि निर्यात में व्यापक राष्ट्रीय विकास के साथ-साथ हरित और श्वेत क्रांति जैसी प्रमुख कृषि उपलब्धियों पर भी ज़ोर दिया।

सत्र का समापन एक रोचक संवादात्मक चर्चा के साथ हुआ, जिसमें छात्रों ने खज़ान भूमि की खेती, दालों और बाजरा उत्पादन, तथा प्राकृतिक कृषि पद्धतियों सहित विविध विषयों पर प्रासंगिक प्रश्न पूछे।
इस व्याख्यान में गोवा कृषि महाविद्यालय के लगभग 100 छात्रों तथा 10 संकाय सदस्यों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय तटीय कृषि अनुसंधान संस्थान, गोवा)
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