27 नवंबर, 2025, मुंबई
भाकृअनुप-केन्द्रीय मत्स्य शिक्षा संस्थान, मुंबई ने आज 'एक्वा फीड इंडस्ट्री में छात्र उद्यमिता और इनोवेशन को सशक्त बनाना' विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक आयोजन किया। यह अग्रणी कार्यक्रम शिक्षा जगत और इंडस्ट्री के बीच की खाई को पाटने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम था, जिसने मत्स्य पालन स्नातकों को नौकरी के अवसरों का पता लगाने के लिए एक अमूल्य मंच प्रदान किया, साथ ही भर्ती करने वालों को उभरती प्रतिभाओं से जुड़ने में सक्षम बनाया।

कार्यक्रम का उद्घाटन महाराष्ट्र पशु और मत्स्य विज्ञान विश्वविद्यालय (एमएएफएसयू) नागपुर के कुलपति डॉ. नितेन वी. पाटिल ने भाकृअनुप-सीफे, मुंबई के निदेशक (कार्यवाहक) डॉ. एन. पी. साहू की गरिमामय उपस्थिति में किया।
अपने उद्घाटन संबोधन में, डॉ. पाटिल ने मत्स्य पालन क्षेत्र के अनुसंधान और विकास को आगे बढ़ाने के लिए शोधकर्ताओं, उद्योगों और छात्रों के बीच सहयोग की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने उद्योगों और छात्रों को जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण पुल बनाने के लिए भाकृअनुप-सीफे, मुंबई की सराहना की।
डॉ. साहू ने उद्योग-संचालित अनुसंधान के महत्व पर जोर दिया और इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में, जो कम समय में आयोजित किया गया था, छात्रों और उद्योग प्रतिनिधियों दोनों की उत्साही भागीदारी के लिए आभार व्यक्त किया।
तकनीकी सत्र 'एक्वा फीड इंडस्ट्री में चुनौतियां और अवसर' के दौरान छात्रों ने पोस्टर/मॉडल और पावर पॉइंट प्रस्तुतियों के रूप में अपने विचार प्रस्तुत किया।

इस कार्यशाला ने मत्स्य पालन क्षेत्र में शिक्षा जगत-उद्योग संबंधों को बढ़ावा देने में एक नया बेंचमार्क स्थापित किया है और मत्स्य पालन स्नातकों के करियर की संभावनाओं को आगे बढ़ाने के साथ-साथ जलीय कृषि उद्योग के विकास का समर्थन करने के लिए भाकृअनुप-सीफे की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
इस कार्यशाला में देश भर से विभिन्न मत्स्य विज्ञान विषयों में विशेषज्ञता रखने वाले 22 उद्योगों और 165 स्नातकोत्तर और पीएचडी छात्रों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय मत्स्य शिक्षा संस्थान, मुंबई)







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