15 जुलाई, 2025, कोलकाता
आज बालागढ़, हुगली में "केले के रेशे निष्कर्षण एवं उपयोग" पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
डॉ. लक्ष्मीकांत नायक, प्रमुख, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण प्रभाग ने विविध मूल्यवर्धित उत्पादों के विकास में केले के रेशे की क्षमता के बारे में बताया। उन्होंने निष्कर्षण के बाद उर्वरक बनाने में उपोत्पाद के उपयोग पर भी ज़ोर दिया।

प्रतिभागी किसानों को केले के रेशे निष्कर्षक यंत्र का प्रदर्शन किया गया, उन्होंने रेशा निष्कर्षण प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की।
एससीएसपी द्वारा प्रायोजित इस कार्यशाला में केले की खेती और शिल्पकला से जुड़े लगभग 100 किसानों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-राष्ट्रीय प्राकृतिक रेशा अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, कोलकाता)
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