27 नवंबर, 2025, ओडिशा
भाकृअनुप–भारतीय श्री अन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद, ने कृषि एवं किसान सशक्तिकरण विभाग, ओडिशा के सहयोग से आज कुंद्रा ब्लॉक, कोरापुट, ओडिशा में श्री अन्न पर एक दिवसीय किसान सहभागी किस्म चयन सह फील्ड डे का आयोजन किया।

कोरापुट, जो अपनी पारंपरिक कृषि प्रणालियों के लिए प्रसिद्ध है और जिसे एफएओ द्वारा विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण कृषि विरासत स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है, बाजरा और पारंपरिक फसलों की समृद्ध विविधता के लिए जाना जाता है। इस क्षेत्र के आदिवासी किसान पारंपरिक रागी की किस्मों की खेती एवं संरक्षण करना जारी रखे हुए हैं जो स्थानीय कृषि-पारिस्थितिक स्थितियों और सांस्कृतिक प्राथमिकताओं के अनुरूप हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य इस स्वदेशी ज्ञान को वैज्ञानिक पद्धतियों के साथ एकीकृत करना था ताकि वर्षा आधारित आदिवासी क्षेत्रों में बेहतर तरीके अपनाने के साथ-साथ लचीलेपन के लिए स्थानीय रूप से अनुकूलित और बेहतर श्री अन्न किस्मों की पहचान की जा सके।
इस कार्यक्रम के लिए, कुंद्रा में किसानों की प्रथागत स्थितियों (कम या बिना बाहरी इनपुट) के तहत 40 पारंपरिक एवं राष्ट्रीय स्तर पर जारी रागी की किस्मों की खेती की गई। भाकृअनुप-आईआईएमआर के वैज्ञानिकों की एक टीम ने डब्ल्यूएएसएसएएन और एमएसएसआरएफ के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर सहभागी किस्म चयन प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाया।

वर्तमान श्री अन्न खेती प्रथाओं, पसंदीदा विशेषताओं और किस्मों के विकल्पों को समझने के लिए एक संरचित प्रश्नावली का उपयोग किया गया। किसानों ने स्थानीय जरूरतों के लिए उपयुक्त आशाजनक पारंपरिक और राष्ट्रीय स्तर पर जारी किस्मों की पहचान करने के लिए किस्मों का मूल्यांकन किया तथा उन्हें अंक दिया।
एक किसान-वैज्ञानिक संवाद सत्र भी आयोजित किया गया, जिसके दौरान प्रतिभागियों को प्रमुख श्री अन्न, जिसमें ज्वार (अनाज और चारा), बाजरा, रागी, बार्नयार्ड श्री अन्न, छोटा बाजरा और फॉक्सटेल श्री अन्न शामिल हैं, में बेहतर उत्पादन, प्रसंस्करण और मूल्यवर्धन प्रौद्योगिकियों के बारे में जानकारी दी गई।

भाकृअनुप-आईआईएमआर में श्री अन्न (बाजरा) पर ग्लोबल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की जनजातीय उप योजना के तहत, भाग लेने वाले आदिवासी किसानों के लिए बीज और इनपुट वितरण की योजना बनाई गई है। भविष्य की पहल उच्च प्रदर्शन करने वाली किस्मों को स्थानीय उत्पादन प्रणालियों में मुख्यधारा में लाने, समुदाय-आधारित बीज प्रणालियों को मजबूत करने तथा बीज उत्पादन, प्रसंस्करण एवं मूल्यवर्धन पर क्षमता निर्माण कार्यक्रम आयोजित करने पर ध्यान केन्द्रित करेगी। इन प्रयासों का उद्देश्य कोरापुट के आदिवासी क्षेत्रों में बाजरा उत्पादकता, लाभप्रदता तथा आजीविका लचीलेपन को बढ़ाना है।
इस कार्यक्रम में कई महिला किसानों सहित कुल 50 आदिवासी किसानों ने भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप–भारतीय श्री अन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)







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