19 अगस्त, 2019, पुणे
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे द्वारा महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा और कर्नाटक के कृषि विज्ञान केंद्रों के जिला कृषि मौसम इकाईयों में ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना के तहत ‘एसएमएस (कृषि मौसम) और पर्यवेक्षक के लिए मौसम आधारित कृषि परामर्श सेवाओं की तैयारी और प्रसार' पर 6-दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
यह कार्यक्रम 19 से 24 अगस्त, 2019 तक भाकृअनुप-राष्ट्रीय अनार अनुसंधान केंद्र, सोलापुर में भारत मौसम विज्ञान विभाग, पुणे के सहयोग से आयोजित किया गया है।
डॉ. ज्योत्सना शर्मा, निदेशक, भाकृअनुप-राष्ट्रीय अनार अनुसंधान केंद्र, सोलापुर ने बतौर मुख्य अतिथि सामान्य रूप से किसानों और विशिष्ट फसलों में बागवानी फसलों के लिए कृषि-मौसम संबंधी सलाह के महत्त्व पर प्रकाश डाला। डॉ. शर्मा ने सभी नए भर्ती किए गए एसएमएस और ऑब्जर्वर के लिए पेशेवर जीवन में समर्पण और प्रतिबद्धता के महत्त्व पर जोर दिया।
डॉ. लाखन सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, पुणे ने एजेंसियों, राज्य कृषि विश्वविद्यालयों, भारत मौसम विभाग के साथ बातचीत और कृषि स्तर के तनाव को देखते हुए यथार्थवादी कृषि-सलाहकार तैयार करने, इनपुट लागत कम करने और इनपुट उपयोग दक्षता बढ़ाने के लिए समय की आवश्यकता पर जोर दिया।
डॉ. कृपाण घोष, प्रमुख, कृषि मौसम विभाग, भारत मौसम विज्ञान विभाग, पुणे ने सटीक डेटा संग्रह, व्याख्या, विश्लेषण आदि की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने अनुभवात्मक शिक्षण के माध्यम से प्रतिभागियों के लिए व्यावहारिक और संचालन प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया।
कार्यक्रम में आईएमडी, पुणे के विशेषज्ञों द्वारा परस्पर संवादात्मक सत्र भी आयोजित किया जाएगा।
प्रतिभागियों को बुवाई, सिंचाई, उर्वरक और कीटनाशक के अनुप्रयोग के लिए मौसम आधारित कृषि परामर्श सेवाएँ तैयार करने, वास्तविक और पूर्वानुमान मौसम का उपयोग करके कटाई के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
(स्रोत: निदेशक, भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, पुणे)
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