23 जनवरी, 2020, जोधपुर
भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोधपुर द्वारा आयोजित दो दिवसीय ‘कृषि विज्ञान केंद्र, राजस्थान के लिए राज्य स्तरीय कार्य योजना – 2020 कार्यशाला' का आज कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर में उद्घाटन किया गया।
मुख्य अतिथि डॉ. बी. आर. चौधरी, कुलपति, कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर ने किसी भी कार्यक्रम के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए नियोजन को सबसे महत्त्वपूर्ण आवश्यकताओं में से एक माना। उन्होंने केवीके से आग्रह किया कि वे बड़े पैमाने पर किसानों के हितों के लिए गतिविधियों की उचित योजना बनाएँ। उन्होंने केवीके को सुझाव दिया कि वह वर्ष 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए बीज प्रतिस्थापन की चुनौतियों का समाधान करें और किसानों की पसंदीदा किस्मों/नव जारी किस्मों को सही समय पर किसानों को उपलब्ध कराएँ।
डॉ. एस. के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, जोधपुर ने केवीके को शुरुआती चरण में व्यावसायिक केंद्र के तौर पर शुरू करने के बारे में प्रकाश डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि केवीके को अब अपने-अपने जिलों के ज्ञान और संसाधन केंद्रों की भूमिका सौंपी गई है। उन्होंने योजना के स्तर पर उत्पादकता, स्थिरता, निरंतरता और समानता जैसे मुद्दों को संबोधित करने के साथ-साथ जिले की ताकत, कमजोरी, मौसम और बाजार की स्थिति का अध्ययन करने का आग्रह किया।
राजस्थान के राज्य कृषि विश्वविद्यालयों के विस्तार शिक्षा के निदेशकों ने राजस्थान परिदृश्य में 'खेती से सतत आय सृजन' के विभिन्न मॉडल प्रस्तुत किए।
राजस्थान के लगभग 44 केवीके सुधार और अंतिम रूप देने हेतु सुझावों के साथ चर्चा के लिए वर्ष - 2020 की अपनी कार्य योजनाएँ प्रस्तुत करेंगे।
कार्यशाला में केवीके, राजस्थान के कुल 44 वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख भाग ले रहे हैं।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, जोधपुर, राजस्थान)
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