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उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के केवीके पर वार्षिक क्षेत्रीय कार्यशाला
26 मई, 2016, लखनऊ
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल माननीय श्री राम नाईक द्वारा उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के केवीके पर 23वीं वार्षिक क्षेत्रीय कार्यशाला का उद्घाटन किया गया। इस कार्यशाला को भाकृअनुप- भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ में आयोजित किया गया था। इस अवसर पर उपस्थित सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि केवीके क्षमतावान जमीनी स्तर की संस्थाएं हैं। इनमें खेती व संबंधित क्षेत्रों को मजबूती प्रदान करने की काफी संभावनाएं हैं, जिससे गांव खुशहाल होंगे और देश समृद्ध हो सकता है। कृषि के बदलते परिदृश्य में किसानों के लिए मार्गदर्शक संस्था के रूप में केवीके किसानों को विज्ञान से संबंधित सुझाव दे सकते हैं। इसके साथ ही केवीके केन्द्र सरकार द्वारा जारी किसान हितैषी योजनाओं के प्रसार में भी प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं।
माननीय राज्यपाल ने नई तकनीकों को अपनाने वाले तीन किसानों को सम्मानित किया, जिनमें महिला किसान भी शामिल थी। उन्होंने 'वर्ष 2015-16 केवीके वार्षिक रिपोर्ट'जारी की और इस अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
डॉ. ए.के. सिंह, निदेशक (कृषि विस्तार) भाकृअनुप ने अपने संबोधन में केवीके द्वारा 60,000 एकड़ क्षेत्र में दाल व तिलहनी फसलों के खेत प्रदर्शन, डेढ़ करोड़ किसानों को कृषि एसएमएस भेजने और डेढ़ लाख टन रोपण सामग्री एवं बीज के उत्पादन करने पर संतोष जताया। उन्होंने भाकृअनुप द्वारा किसान हित में जारी योजनाओं जैसे मेरा गांव मेरा गौरव, फार्मर्स फर्स्ट, आर्या, खरीफ व रबी से पहले किसान सम्मेलनों और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना जैसी मुख्य योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की।
डॉ. यू.एस. गौतम, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, कानपुर ने पिछले साल की केवीके की गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने पिछले वर्ष (2015-16) के उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में स्थित केवीके द्वारा कार्य प्रगति की समीक्षा से अवगत कराया। इसके साथ ही केवीके की अगली वर्ष की कार्य योजना को अंतिम रूप इस कार्यशाला में चर्चा द्वारा दिया जाएगा।
डॉ. ए.डी. पाठक, निदेशक, भाकृअनुप-भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान ने गन्ना किसानों और राज्य के आर्थिक विकास में संस्थान के शोध कार्यों एवं विकास संबंधी योगदान की चर्चा की। डॉ. पाठक ने औपचारिक रूप से प्रतिनिधियों और गणमान्यों को धन्यवाद दिया।
डॉ. गया प्रसाद, कुलपति, एसवीपीयूए एंड टी, मेरठ, डॉ. के.एम.एल. पाठक, कुलपति, डीयूवीएएसयू, मथुरा, डॉ. एस.एल. गोस्वामी, कुलपति, बीयूए एंड टी, बांदा, डॉ. एस. राजन, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएसएच, लखनऊ, डॉ. रवीन्द्र कुमार, निदेशक, भाकृअनुप- एनबीएफजीआर, लखनऊ, डॉ. मथुरा राय, सेवानिवृत निदेशक, भाकृअनुप-आईआईवीआर, वाराणसी के साथ-साथ 81 केवीके प्रमुखों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया।
(स्रोत: भाकृअनुप-भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान, लखनऊ)