19- 20 दिसम्बर, 2023, नादिया
'ओएफटी प्रस्तावों की सुविधा के लिए खाद्य फसलों में नेटवर्क अनुसंधान से समसामयिक मुद्दे और सिफारिशें' पर दो दिवसीय मानव संसाधन विकास कार्यक्रम 19 और 20 दिसंबर, 2023 को विस्तार शिक्षा निदेशालय, बिधान चंद्र कृषि विश्वविद्यालय (बीसीकेवी) द्वारा भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता के अधिकार क्षेत्र के तहत पश्चिम बंगाल के केवीके, कल्याणी में विश्वविद्यालय के किसान अकादमी एवं सम्मेलन केन्द्र में आयोजित किया गया।
मुख्य अतिथि, डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता ने अमृत काल के लिए विस्तार दृष्टिकोण को फिर से तैयार करने की आवश्यकता पर जोर दिया तथा आशा व्यक्त की कि केवीके बेहतर रिटर्न प्रदान करने के लिए किसानों की उभरती समस्याओं का समाधान करेंगे। उन्होंने आजीविका में वृद्धि, ग्रामीण क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देने और युवाओं को नौकरी खोजने वालों से रोजगार प्रदाताओं में बदलने के लिए केवीके की भूमिका को रेखांकित किया। डॉ. डे ने ओएफटी डिजाइन करने का आग्रह किया, जो विशेष जिले के लिए प्रासंगिक होना चाहिए, कृषि-जलवायु परिस्थितियों और उपलब्ध मानव संसाधनों के साथ-साथ बदलते सामाजिक-आर्थिक परिदृश्यों से मेल खाना चाहिए।
डॉ. पिंटू बंदोपाध्याय, डीन, विस्तार शिक्षा, बीसीकेवी ने बदलते कृषि परिदृश्य के तहत ओएफटी को पुनर्जीवित करने के लिए ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन की आवश्यकता को दोहराया।
बीसीकेवी के कुलपति प्रोफेसर गौतम साहा ने तेजी से पौधों के तनाव का पता लगाने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता और सेंसर-आधारित ड्रोन जैसी आधुनिक तकनीकों के उपयोग के साथ प्राकृतिक खेती कार्यक्रमों का विस्तार करने का आग्रह किया।
बीसीकेवी के अनुसंधान निदेशक, प्रोफेसर जयंत तरफदार ने बीसीकेवी के तहत विभिन्न अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना कार्यक्रमों से आने वाली विभिन्न प्रकार के विकास, उत्पादन और संरक्षण प्रौद्योगिकियों सहित सिफारिशों के बारे में जानकारी दी, विशेष रूप से खाद्य सुरक्षा के अलावा पोषण सुरक्षा की दिशा में बागवानी फसलों पर।
कार्यक्रम में कुल 29 वरिष्ठ वैज्ञानिकों, केवीके के प्रमुख एसएमएस ने शिरकत की।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)
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