पोषण सुरक्षा हेतु पोषक मछली पर प्रशिक्षण

पोषण सुरक्षा हेतु पोषक मछली पर प्रशिक्षण

20-22 मार्च, 2024, बैरकपुर

भाकृअनुप-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर ने राष्ट्रीय कृषि विस्तार प्रबंधन संस्थान (मैनेज), हैदराबाद के साथ मिलकर 20-22 मार्च, 2024 तक तीन दिवसीय ऑनलाइन सहयोगात्मक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण आबादी की पोषण सुरक्षा के लिए अंतर्देशीय खुले जल में 'न्यूट्री-स्मार्ट' मछलियों पर प्रतिभागियों को विशेषज्ञता और ज्ञान प्रदान करना था।

Training on Nutri-Fish to Nutritional Security

डॉ. बी.के. दास, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईएफआरआई, ने 'अंतर्देशीय मछलियों' के महत्व तथा भूमिका पर ज़ोर दिया, जो 'अंतर्देशीय भूख' को दूर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और स्वास्थ्यवर्धक भोजन के रूप में उनकी भूमिका पर ज़ोर दिया। उन्होंने शून्य भूख जैसे विभिन्न स्थायी लक्ष्यों को प्राप्त करने में अंतर्देशीय मत्स्य पालन की क्षमता पर प्रकाश डाला। डॉ. दास ने महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए संतुलित, सुरक्षित भोजन के महत्व पर प्रकाश डाला और मछलियों में पाए जाने वाले उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन, सूक्ष्म पोषक तत्वों और विटामिनों पर ज़ोर दिया।

डॉ. पी. चंद्र शेखर, महानिदेशक, मैनेज, हैदराबाद, ने मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास हेतु कृषि स्टार्टअप शुरू करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने वर्तमान समय में कुपोषण तथा मोटापे जैसी चुनौतियों पर चिंता व्यक्त की। डॉ. शेखर ने मछली को एक स्वास्थ्यवर्धक भोजन के रूप में बढ़ावा देने का आग्रह किया और कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों और निम्न मध्यम वर्ग, विशेषकर महिलाओं तथा बच्चों में प्रति व्यक्ति खपत बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने पोषण सुरक्षा प्राप्त करने के लिए प्रमुख कार्यक्रमों की क्षमता पर बल दिया और कहा कि प्रशिक्षण मॉड्यूल पर ई-बुक न केवल प्रतिभागियों, बल्कि व्यापक दर्शकों को भी लाभान्वित करेगी।

हैदराबाद स्थित मैनेज के ईएएएस के उप निदेशक डॉ. शाहजी संभाजी फांड ने पोषण सुरक्षा के लिए मछली के महत्व पर बल दिया।

प्रशिक्षण कार्यक्रम के लिए 100 से अधिक प्रतिभागियों ने पंजीकरण कराया।

(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय अन्तर्स्थलीय मत्स्य अनुसंधान संस्थान, बैरकपुर)

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