3 दिसंबर, 2025, श्रीनिकेतन
रथींद्र कृषि विज्ञान केन्द्र, विश्व-भारती, श्रीनिकेतन, बीरभूम ने आज वेस्ट बंगाल एकेडमी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी और भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता के सहयोग से हाइब्रिड मोड में कृषि शिक्षा दिवस मनाया। 'कृषि-उद्यमी को अनलॉक करना: अगली पीढ़ी को सशक्त बनाना' थीम वाले इस कार्यक्रम में इनोवेशन और टेक्नोलॉजी से कृषि में बढ़ते अवसरों पर प्रकाश डाला गया, जिसमें विशेषज्ञों ने टिकाऊ, आधुनिक कृषि-खाद्य प्रणालियों को आकार देने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
डॉ. स्वरूप कुमार चक्रवर्ती, पूर्व कुलपति, यूबीकेवी तथा संयोजक, डब्ल्यूएएसटी ने प्रतिभागियों को ग्रामीण परिवर्तन के लिए कृषि-उद्यमिता अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने आधुनिक कृषि में वैज्ञानिक सोच, इनोवेशन और युवा नेतृत्व की आवश्यकता पर जोर दिया। डॉ. चक्रवर्ती ने पारंपरिक ज्ञान को टेक्नोलॉजी के साथ मिलाने और वैल्यू एडिशन, एग्री-टेक और जलवायु-लचीली खेती में अवसरों की तलाश करने पर प्रकाश डाला।

डॉ. प्रदीप डे, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, कोलकाता, ने आज के युवाओं के लिए उभर रहे विशाल एग्रीप्रेन्योरशिप अवसरों पर प्रकाश डाला। उन्होंने नौकरी ढूंढने से नौकरी देने वाले बनने पर जोर दिया, और कुशल कृषि-आधारित स्टार्ट-अप की बढ़ती मांग को रेखांकित किया। पूर्वी भारत के सफल केवीके मॉडल का हवाला देते हुए, डॉ. डे ने प्रतिभागियों को टिकाऊ उद्यम बनाने के लिए संस्थागत समर्थन, डिजिटल उपकरणों और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया।
आरकेवीके के विशेषज्ञों ने सटीक खेती, फार्म मशीनीकरण, कृषि-व्यवसाय इनक्यूबेशन एवं बाजार-उन्मुख इनोवेशन पर जानकारीपूर्ण तकनीकी सत्र दिए। प्रतिभागियों को प्रेरित करने और वास्तविक दुनिया के दृष्टिकोण प्रदान करने के लिए उभरते कृषि-उद्यमी की सफलता की कहानियाँ साझा की गई।
आरकेवीके, बीरभूम के प्रमुख ने पूरे कार्यक्रम का समन्वय किया। इंटरैक्टिव चर्चाओं, व्यावहारिक प्रदर्शनों और अनुभव-साझाकरण सत्रों ने छात्रों को उद्यम विकास के व्यावहारिक आयामों को समझने में सक्षम बनाया। हाइब्रिड मोड ने व्यापक भागीदारी की अनुमति दी, जिससे कार्यक्रम की पहुँच का विस्तार हुआ।
107 व्यक्तियों की भागीदारी के साथ, यह कार्यक्रम युवाओं को सशक्त बनाने के लिए एक सामूहिक आह्वान, जिसमें, कृषि को केवल एक पेशे के रूप में नहीं, बल्कि राष्ट्र की आर्थिक एवं सामाजिक प्रगति के लिए आवश्यक एक गतिशील उद्यमशील परिदृश्य के रूप में देखने के एक स्पष्ट दृष्टिकोण के साथ समाप्त हुआ।
(स्रोत: भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान, कोलकाता)







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