7 अक्टूबर, 2025, नई दिल्ली
भाकृअनुप-केन्द्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, मुंबई ने विश्व कपास दिवस 2025 समारोह के दौरान, जो आज नई दिल्ली में आयोजित चौथे वैश्विक कपास सम्मेलन के साथ मेल खाता है, वस्त्र निर्यात संवर्धन परिषद, मुंबई के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।
श्री गिरिराज सिंह, केन्द्रीय वस्त्र मंत्री तथा वस्त्र मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों, उद्योग प्रतिनिधियों और वैश्विक प्रतिनिधियों की उपस्थिति में डॉ. एस.के. शुक्ला, निदेशक, भाकृअनुप-सीआईआरसीओटी तथा के श्री रवि सैम, उपाध्यक्ष, टेक्सप्रोसिल, ने इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया।
इस सहयोग का उद्देश्य लागत प्रभावी और स्थानीय रूप से अनुकूलनीय अनुरेखक प्रौद्योगिकियों के विकास के माध्यम से कस्तूरी कपास भारत पहल को मज़बूत करना है ताकि भारतीय कपास की भौतिक अनुरेखण क्षमता को बढ़ाया जा सके और साथ ही चल रही डिजिटल पहलों को भी पूरक बनाया जा सके। यह साझेदारी कपास मूल्य श्रृंखला में कपास की गुणवत्ता, स्थिरता एवं पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए भाकृअनुप-सीआईआरसीओटी की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।

इस समझौता ज्ञापन के माध्यम से, भाकृअनुप-सीआईआरसीओटी तथा टेक्सप्रोसिल भारतीय कपास की ट्रेसेबिलिटी, गुणवत्ता विश्लेषण, ब्रांडिंग और मूल्यवर्धन हेतु अनुसंधान-संचालित समाधानों को बढ़ावा देने के लिए मिलकर काम करेंगे, जिससे इसकी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी तथा भारतीय कपास किसानों के लिए उचित मूल्य प्राप्ति सुनिश्चित होगी। संस्थान कस्तूरी कपास भारत कार्यक्रम के हितधारकों को ओटाई, गुणवत्ता और कचरा एवं संदूषण-नियंत्रित कपास गांठों के उत्पादन के क्षेत्र में प्रशिक्षण भी प्रदान करेगा।
कार्यक्रम में "कपास की खेती में उभरते रुझान" पैनल चर्चा के दौरान, डॉ. एस.के. शुक्ला ने इस बात पर ज़ोर दिया कि यांत्रिक कटाई को अपनाना और उच्च ओटाई उत्पादन (GoT) वाली कपास किस्मों या संकर किस्मों का विकास भारत में कपास उत्पादकता बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण प्रेरक हैं। इसके अलावा, उन्होंने प्रस्तावित कपास उत्पादकता मिशन (सीपीएम) के माध्यम से कपास की मशीनीकृत कटाई को बढ़ावा देने पर भी ज़ोर दिया। इसके लिए जिनरियों के उन्नयन हेतु वित्तीय अनुदान/सब्सिडी प्रदान की जाएगी और यांत्रिक कटाई मशीनों के लिए कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना की जाएगी। श्री राजेंद्रन रामासामी, प्रबंध निदेशक, रासी सीड्स ने भी सीटीएम के माध्यम से कपास की यांत्रिक कटाई को बढ़ावा देने के लिए कस्टम हायरिंग केन्द्रों की स्थापना का अनुरोध किया है।
(स्रोत: भाकृअनुप-केन्द्रीय कपास प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान, मुंबई)
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