भाकृअनुप-कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (अटारी), जोधपुर, राजस्थान ने अपने परिसर में 28 अक्टूबर, 2022 को अनुसूचित जनजाति घटक (एसटीसी) और अनुसूचित जाति उप योजना (एससीएसपी) की समीक्षा बैठक आयोजित की। उद्घाटन सत्र में, डॉ. एस.के. सिंह, निदेशक, भाकृअनुप-अटारी, जोधपुर ने आदिवासी किसानों की आजीविका सुरक्षा में सुधार के लिए प्रत्यक्ष स्थापना पर जोर दिया। उन्होंने गरीबी और बेरोजगारी में पर्याप्त कमी, उत्पादक संपत्तियों का निर्माण, मानव संसाधन विकास, सभी प्रकार के शोषण और उत्पीड़न के खिलाफ भौतिक और वित्तीय सुरक्षा के प्रावधान पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से आदिवासी और अनुसूचित जाति के किसानों की समग्र जरूरतों को पूरा करने के लिए नए दृष्टिकोण के साथ सम्मिलन मोड में काम करने का आग्रह किया।

डॉ. ईश्वर सिंह, निदेशक विस्तार शिक्षा, कृषि विश्वविद्यालय, जोधपुर ने बताया कि संतुलित एवं आर्थिक विकास द्वारा कार्यक्रम का अंतिम उद्देश्य तथा इसके अनुसार रणनीतिक योजनाएं तैयार की जाती है। उन्होंने कहा कि केवीके के सभी वैज्ञानिक कर्मचारियों को अपने-अपने जिले में आदिवासी और अनुसूचित जाति के कृषक समुदाय के एकीकृत सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए समय देना चाहिए। 2022-23 के लिए केवीके वार कार्ययोजना प्रस्तुत की गई। राजस्थान से अनुसूचित जनजातीय घटकों के तहत कुल 24 कृषि विज्ञान केन्द्रों और अनुसूचित जाति उप योजना के तहत 14 कृषि विज्ञान केन्द्रों ने राजस्थान और हरियाणा से भाग लिया।







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