16 अगस्त, 2022, आणंद, गुजरात
औषधीय एवं सुगंधित पौधों और पान (एआईसीआरपी-एमएपी एंड बी) के लिए अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना पर 2 दिवसीय मध्यावधि समीक्षा 16-17 अगस्त, 2022 से वर्चुअल रूप में आयोजित की गई।

बैठक के उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता, डॉ. आनंद कुमार सिंह, उप महानिदेशक (बागवानी), भाकृअनुप ने की और सह-अध्यक्षता, डॉ विक्रमादित्य पांडे, सहायक महानिदेशक (बागवानी), भाकृअनुप द्वारा की गई। डॉ. सत्यांशु कुमार, निदेशक, भाकृअनुप-डीएमएपीआर और परियोजना समन्वयक, एआईसीआरपी-एमएपी एंड बी (AICRP-MAP&B) बैठक में उपस्थित थे।
डॉ. सिंह ने अपने संबोधन में बेहतर अर्थव्यवस्था और समृद्धि के लिए देश में औषधीय एवं सुगंधित पौधों और पान (एमएपी एंड बी) के व्यापार-आधारित प्रचार की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने एआईसीआरपी कार्यक्रम के उद्देश्य आधारित मूल्यांकन को अपनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि एआईसीआरपी-एमएपी एंड बी के तहत प्रौद्योगिकियों की पहचान में काफी सख्ती बरती जानी चाहिए जिससे हितधारकों तक उनकी पहुंच बढ़े।
डॉ. पांडे ने अपने संबोधन में एमएपी एवं बी फसलों में अच्छी कृषि पद्धतियों एवं किस्मों की स्थान विशिष्ट पहचान की आवश्यकता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि एमएपी (MAP) देश में फसल विविधीकरण के लिए सबसे अच्छे एजेंट हैं, क्योंकि वे विभिन्न जैविक और अजैविक तनावों के लिए उत्तरदायी हैं। उन्होंने फंड के बेहतर उपयोग के लिए केंद्र की वित्तीय प्रगति की समीक्षा करने का सुझाव दिया।
इससे पहले, डॉ. कुमार ने अपने स्वागत संबोधन में एआईसीआरपी-एमएपी एंड बी के तहत अनुसंधान गतिविधियों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया। बैठक में देश भर में मौजूद 26 एआईसीआरपी-एमएपी एंड बी केंद्रों की अनुसंधान प्रगति की समीक्षा भी की गई।
(स्रोत: भाकृअनुप-औषधीय और सुगंधित पादप अनुसंधान निदेशालय (डीएमएपीआर), आणंद, गुजरात)







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