13 नवंबर, 2025, हैदराबाद
भाकृअनुप–भारतीय श्रीअन्न अनुसंधान संस्थान, श्री अन्न पर वैश्विक उत्कृष्टता केद्र, हैदराबाद में आज भारतीय हरित ऊर्जा संघ (आएफजीई) के सहयोग से इथेनॉल और सीबीजी प्रोडक्शन के लिए श्री अन्न, खासकर ज्वार एवं बाजरा को बढ़ावा देने पर एक दिन की वर्कशॉप आयोजित की गई। यह कार्यक्रम शोधकर्ताओं, विशेषज्ञों और इंडस्ट्री के हितधारकों के बीच इथेनॉल और कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) प्रोडक्शन के लिए स्वीट सोरघम, हाई-बायोमास सोरघम, लो-लिग्निन सोरघम तथा चारे वाले बाजरे के इस्तेमाल पर ज्ञान के आदान-प्रदान, प्रैक्टिकल जानकारी एवं बातचीत के लिए एक महत्वपूर्ण मंच था।
अपने उद्घाटन संबोधन में, डॉ. सी. तारा सत्यवती, निदेशक, भाकृअनुप-आईआईएमआर, ने भोजन, चारा, पशु आहार एवं ईंधन के लिए टिकाऊ फसलों के रूप में बाजरा के कई फायदों पर ज़ोर दिया। उन्होंने बाजरा के क्षेत्र में संस्थान की रिसर्च में हुई प्रगति एवं वैश्विक नेतृत्व पर भी प्रकाश डाला।

इस मौके पर, श्री वाई.बी. रामकृष्ण, पूर्व चेयरमैन, बायोफ्यूल्स के लिए वर्किंग ग्रुप (एमओपीओनजी) तथा सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, आएफजीई, ने 1G और 2G इथेनॉल के साथ-साथ सीबीजी उत्पादन के लिए मीठे सोरघम की ज़बरदस्त क्षमता के बारे में बताया। उन्होंने अलग-अलग कृषि-जलवायु क्षेत्रों के हिसाब से ढलने वाले सोरघम फीडस्टॉक की उपलब्धता पर ज़ोर दिया और भारत के हरित ऊर्जा लक्ष्य को मज़बूत करने के लिए इंडस्ट्री की ज्यादा भागीदारी का आग्रह किया।
श्री संजय गंजू, महानिदेशक, आएफजीई, ने संघ की राष्ट्रीय पहलों का एक अवलोकन प्रस्तुत किया और कार्बन उत्सर्जन को कम करने और टिकाऊ हरित उर्जा को आगे बढ़ाने के लिए लगातार अनुसंदान एवं नवाचार की जरूरत पर जोर दिया। उन्होंने इंडस्ट्री के हितधारकों तथा भाकृअनुप-आईआईएमआर के बीच मजबूत सहयोग के महत्व पर भी ज़ोर दिया, जो सोरघम तथा चारे वाले बाजरे की ज़्यादा पैदावार वाली किस्मों को विकसित करने में अग्रणी है।
टेक्निकल सेशन, जिसमें एनर्जी सोरघम: जैव ईंधन तथा जैव ऊर्जा उत्पादन हेतु संभावित कच्चे माल और ऊर्जा उत्पादन के लिए बाजरा की जैव ईंधन क्षमता पर प्रस्तुतिकरण शामिल था। इस सत्र को वैज्ञानिक स्पष्टता तथा व्यावहारिक महत्व के लिए काफी सराहा गया।
भाकृअनुप-आईआईएमआर में आईपी मैनेजमेंट पर एक खास सेशन में, पार्टिसिपेंट्स को पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर प्रोसेस के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि इंडस्ट्री और उद्यमी संस्थान के साथ मिलकर कैसे असरदार तरीके से काम कर सकते हैं।

इस वर्कशॉप में एकेडमिक संस्थानों और इंडस्ट्रीज़ के लगभग 40 प्रतिनिधियों ने एक्टिव रूप से हिस्सा लिया। भाकृअनुप-आईआईएमआर के ज्वार और चारा बाजरा के एक्सपेरिमेंटल प्लॉट का फील्ड विज़िट करने से प्रतिभागियों को एडवांस्ड फसल की किस्मों और तकनीकी से रू-ब-रू होने का मौका मिला।
यह प्रोग्राम भाकृअनुप-आईआईएमआर, आईएफजीई और उद्योग साझेदार के बीच अनुसंधान, तकनीकी के प्रसार तथा जैव ईंधन तथा जैव ऊर्जा सॉल्यूशंस को बड़े पैमाने पर अपनाने में तेजी लाने हेतु सहयोग को मज़बूत करने की सामूहिक प्रतिबद्धता के साथ समाप्त हुआ।
(स्रोत: भाकृअनुप–भारतीय श्रीअन्न अनुसंधान संस्थान, हैदराबाद)







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